कानपुर के कुख्यात गैंगस्टर और सीओ सहित आठ पुलिस वालों की हत्या के आरोपी विकास दुबे के परिवार के पक्ष में भाजपा एमएलसी मैदान में उतर गए हैं। विधान परिषद सदस्य उमेश द्विवेदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मंगलवार को पत्र लिखकर विकास दुबे के परिजनों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
पुलिस एनकाउंटर में मारे गए विकास दुबे के परिवार के सदस्यों को लेकर एमएलसी ने आरोप लगाया कि पुलिस इनसे लगातार पैसों की वसूली में लगी है। पैसे न देने के स्थिति में परिवार के लोगों को बेवजह प्रताड़ित कर रही है। उमेश द्विवेदी ने मुख्यमंत्री से मिलकर आरोप लगाया है कि पुलिस विकास विकास दुबे के परिवार में महिलाओं और बच्चों को भी प्रताड़ित कर रही है। एमएलसी के मुताबिक उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि दीपू दुबे और उनके परिवार को पुलिस बेवजह परेशान कर रही है। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी दिया है। एमएलसी के अनुसार इस मामले में मुख्यमंत्री योगी ने आश्वाशन दिया है कि कोई भी निर्दोष गलत नहीं फंसाया जाएगा।
ब्राह्मणों के उत्पीड़न पर आवाज उठाते रहे हैं
भाजपा एमएलसी उमेश द्विवेदी अखिल भारतीय ब्राह्मणोंत्थान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष है। ब्राह्मण उत्पीडऩ को लेकर आवाज उठाने को लेकर वह लगातार चर्चा में रहे हैं। उमेश द्विवेदी ने लिखा है कि अंजली दुबे ने प्रार्थनापत्र दिया है, जो इस पत्र के साथ संलग्न है, उस का अवलोकन करने का कष्ट करें। यह बिकरु कांड के बाद निर्दोष पति-पत्नी पर पुलिस के अनर्गल केस को समाप्त करने के संबंध में है।
इनका व इनके पति दीप प्रकाश दुबे उर्फ दीपक को चर्चित बिकरू कांड में फर्जी मुकदमे के आधार पर फंसाया जा रहा है। पुलिस इनके परिवार को प्रताड़ित कर रही है। जिससे इन्हें मानसिक क्षति हो रही है। इनके दो बेटे हैं, जिनका पालन-पोषण करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अनुरोध है कि अंजली दुबे व इनके पति पर लगे मुकदमों की उच्च स्तरीय विवेचना कराकर मुकदमा समाप्त कराने के लिए संबंधितों को निर्देशित करने का कष्ट करें।
अंजलि दुबे का भी पत्र दिया
इस पत्र के साथ अंजली दुबे का जो प्रार्थना पत्र संलग्न है, उसें लिखा है कि वह और उनके पति दीप प्रकाश दुबे उर्फ दीपक लखनऊ के कृष्णानगर में पिछले 15 वर्ष से मकान बनाकर रह रहे हैं। जिस रात बिकरु कांड हुआ, उस रात भी मेरे पति मेरे साथ थे, जिसे पुलिस ने भी माना है। फिर भी जबरन कबाड़ की खरीदी गई गाड़ी को आधार बनाकर मेरे पति पर फर्जी मुकदमा लाद दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मेरे ऊपर भी जब किसी प्रकार का आरोप नहीं मिला तो मेरे शस्त्र के आवेदन में पारिवारिक अन्य शस्त्रों का ब्योरा न होने का मुकदमा दर्ज कराया गया। मेरे पास 10 वर्ष पहले का बना लाइसेंस है। इसी को आधार बनाकर लगातार पुलिस प्रशासन द्वारा डराया, धमकाया व गिरफ्तारी की धमकी दी जा रही है। पुलिस ने मेरे पूरी परिवार का जीना दूभर कर दिया है। मेरा व मेरे पति का बिकरु कांड से कोई लेना देना नहीं था और न ही उस केस में हम पति-पत्नी की किसी भी प्रकार की संलिप्तता पुलिस की जांच में पाई गई।