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कोविड-19 का कहर : अब शेर-बाघ और तेंदुओं की भी होगी कोरोना जांच

इंसानों के बीच कहर बरसा रहा कोरोना वायरस वन्यजीवों में भी पहुंच गया है। हैदराबाद के नेहरू जूलोजिकल पार्क में आठ एशियाई शेर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। वन्यजीवों में संक्रमण फैलने से सतर्क कानपुर का चिड़ियाघर प्रशासन भी अब शेर-बाघ और तेंदुओं की कोरोना जांच कराएगा। लखनऊ और गोरखपुर चिड़ियाघर भी सतर्क हो गया है। इसके अलावा पूर्वांचल के सारनाथ पक्षी विहार और डीयर पार्क में भी पशु विशेषज्ञ जीवों की निगरानी में जुट गए हैं।   

कानपुर जू के सहायक निदेशक एके सिंह ने बताया कि मांसाहारी जीवों खासकर बिग कैट प्रजातियों के जीवों में कोरोना होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। इस प्रजाति में प्रमुख रूप से  शेर,बाघ,तेंदुआ जैसे जीव आते हैं। कानपुर जू शेरों का ब्रीडिंग सेंटर है। यहां इस समय पांच शेर, आठ बाघ और 21 तेंदुआ हैं। इसलिए सतर्कता बरतते हुए जू में डॉ. यूसी श्रीवास्तव, डॉ.आरके सिंह और डॉ.आरके द्विवेदी की टीम 24 घंटे इन जानवरों की निगरानी कर साप्ताहिक रिपोर्ट तैयार कर रही है।

टीम इन जीवों के कीपरों के माध्यम से इनके स्वभाव और दिनचर्या पर नजर बनाए हुए है। हालांकि अभी तक इन जीवों के स्वभाव, दिनचर्या और स्वास्थ्य में कोई बदलाव नहीं देखने को मिला है। लेकिन हैदराबाद चिड़ियाघर में शेरों के संक्रमित होने के कारण इन जीवों के मल के सैंपल एकत्र किए जा रहे हैं, ताकि उनकी जांच की जाएगी। यदि जांच रिपोर्ट में किसी प्रकार के बीमारी के लक्षण मिलते हैं तो उस जीव को बेहोश कर उसके नाक और गले से सैंपल लिए जाएंगे। 

पीपीई किट पहनकर परोसा जा रहा मांस
सहायक निदेशक के मुताबिक जानवरों में संक्रमण इंसान से फैल सकता है। इसको देखते हुए सभी कीपरों को पीपीई किट दी गई है। वह इसे पहनकर ही खाना परोसते हैं। इसके अलावा दिन में दो बार बाड़ों को भी सेनेटाइज कराया जा रहा है।

लखनऊ जू भी लक्षण दिखने पर जांच कराएगा
लखनऊ जू के उपनिदेशक डॉ उत्कर्ष शुक्ला ने बताया कि यहां छह टाइगर, तीन व्हाइट टाइगर, 12 तेंदुआ, 6 बब्बर शेर हैं। इनमें से किसी में भी कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल जांच कराई जाएगी। पशु विशेषज्ञ लगातार निगरानी कर रहे हैं। 

गोरखपुर में रखी जा रही निगरानी
गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में भी सतर्कता बरती जा रही है। निदेशक डॉ. एच राजामोहन और पशु चिकित्साधिकारी डॉ.योगेश प्रताप सिंह ने बताया, नियमित सेनेटाइजेशन के साथ जू कीपरों कोरोना प्रोटोकाल का पालनकर रहे हैं।

सारनाथ पक्षी विहार में दिया जा रहा उबला खाना
सारनाथ स्थित पक्षी विहार और डीयर पार्क के वन्य जीवों की जरूरत पड़ने पर कोरोना का जांच कराई जाएगी। डीएफओ महावीर कौजलगी ने बताया कि वैसे तो यहां कैट प्रजाति के जीव नहीं है, लेकिन मांसाहारी जीव हैं इसलिए सतर्कता बरती जा रही है। इसके लिए तीन शिफ्ट में वन कर्मियों को तैनात किया गया है। पार्क को प्रतिदिन सेनेटाइज किया जाता है। वन्यजीवों को खाना देने वाले कीपर मास्क व दस्ताना लगाकर ही बाड़े में प्रवेश करते हैं। वन्य जीवों को उबालकर भोजन दिया जा रहा है।