उत्तर प्रदेश के मेरठ में ब्लैक फंगस के बुधवार को 19 नए मरीज मिले हैं, जबकि मेडिकल में दो लोगों की मौत हो गई। अब तक 73 मरीजों में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। प्रशासन के रिकॉर्ड में केवल 67 मरीज हैं। छह मरीज अभी रजिस्टर्ड नहीं हुए हैं।
कोरोना संक्रमित और कोरोना विजेता दोनों प्रकार के मरीज ब्लैक फंगस की चपेट में आ रहे हैं। आनंद अस्पताल के चिकित्सक डॉ. पुनीत भार्गव ने बताया कि उनकी ओपीडी में बुधवार को ब्लैक फंगस के तीन मरीज आए, ये बिजनौर, सहारनपुर और मेरठ के रहने वाले हैं। इन्हें अभी भर्ती नहीं किया गया है। इन्हें जांच के लिए लिखा है। एक अन्य महिला मरीज सरोज की आंख का ऑपरेशन किया है। वह कोविड मरीज थीं। उनकी आंखों की रोशनी जा सकती थी, जिन्हें ऑपरेशन के बाद बचा लिया गया है। मेडिकल के कोविड प्रभारी डॉ. धीरज राज ने बताया कि ब्लैक फंगस के दो नए मरीज आए हैं। अब तक मेडिकल में 28 मरीज भर्ती हुए हैं। फिलहाल 19 का इलाज चल रहा है। बुधवार को दो लोगों की मौत हुई है। इनके नाम प्रदीप व श्याम सिंह हैं। वे निजी अस्पताल से आए थे।
कोरोना के मरीजों में ब्लैक फंगस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। संक्रमित मरीज लगातार मिल रहे हैं। कोरोना के मरीजों के इलाज के दौरान ज्यादा स्ट्रॉयड और शुगर बढ़ने से यह बीमारी होती है। इसमें आंख सूज जाना। पुतली का न घूमना और मुहं में तालु काला हो जाना आदि लक्षण हैं।
ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए मेडिकल में बनाया 32 बेड का वार्ड
ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए मेडिकल कॉलेज में दिन में 10 बेड का वार्ड तैयार हो गया था। रात में प्रथम तल पर 32 बेड का वार्ड तैयार किया गया है। कोविड प्रभारी ने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, इसलिए बेड की संख्या बढ़ाई गई है। इनमें दो सेटअप बनाए जाएंगे। एक कोविड के लिए, दूसरा नॉन कोविड के लिए। प्राचार्य ने इसका निरीक्षण भी किया। मंगलवार को ब्लैक फंगस के इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज को 66 इंजेक्शन मिले थे। इनका नाम एम्फोटेरिशन-बी 50 मिग्रा है।
अभी तक अस्पतालों में भर्ती हुए मरीज
मेडिकल कॉलेज – 28
आनंद अस्पताल – 10
कनग ईएनटी अस्पताल – 07
न्यूटिमा – 07
मेरठ किडनी अस्पताल – 04
लोकप्रिय – 03
केएमसी – 02
होली फैमिली, होप, साईं अस्पताल, सिरोही, सुभारती और विजन केयर अस्पताल में एक-एक भर्ती हुआ।
(नोट – इनमें से कुछ की छुट्टी और कई की मृत्यु भी हो चुकी हैं।)
ये लक्षण न करें नजर अंदाज
- मरीज की नाक से काला कफ जैसा तरल पदार्थ निकलना
- आंख, नाक के पास लालिमा के साथ दर्द होना
- मरीज को सांस लेने में तकलीफ होना
- खून की उल्टी होने के साथ सिर दर्द और बुखार होना
- मरीज को चेहरे में दर्द और सूजन का एहसास होना
- दांतों और जबड़ों में ताकत कम महसूस होना
- कई मरीजों को धुंधला दिखाई देना
- सीने में दर्द होना
- स्थिति बेहद खराब होने की स्थिति में बेहोश हो जाना
फलावदा में भी एक मौत
देहात क्षेत्र में भी ब्लैक फंगस पैर पसार रहा है। अमरोली उर्फ बड़ागांव निवासी तकरीम उर्फ भूरा (52) की उपचार के दौरान मौत हो गई। उन्हें मेरठ के लोकप्रिय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार को परिजनों ने शव को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इससे क्षेत्र में दहशत का माहौल है।