मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बैठक में सबसे अधिक हैलट अस्पताल की स्थिति पर बरसे। बोले कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सबसे ज्यादा शिकायतें हैलट की आती हैं। रोगी परेशान होते हैं। इस स्थिति को सुधार लीजिए नहीं तो शासन को स्थिति सुधारनी आती है।
इसके साथ ही अस्पताल के सीनियर डॉक्टरों के राउंड न करने और रोगियों को जूनियर डाक्टरों के भरोसे छोड़ने पर भी मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी है। दो साल पहले मुख्यमंत्री जब मेडिकल कालेज के कार्यक्रम में आए थे तो भी कालेज प्रबंधन को सुधरने की नसीहत दे गए थे।
रोगियों और उनके तीमारदारों के साथ जूनियर डाक्टरों के मारपीट करने पर भी मुख्यमंत्री ने अफसोस जताया था और ऐसा न करने की हिदायत की थी। उसी अंदाज में शनिवार को भी मुख्यमंत्री ने कालेज के प्राचार्य डॉ. आरबी कमल को आड़े हाथों लिया। मुख्यमंत्री के पोर्टल पर भी हैलट के सीनियर डॉक्टरों के राउंड पर न आने की रोगी शिकायत करते हैं। प्राचार्य से कहा कि सीनियर डॉक्टर ही रोगियों का इलाज करें और समय से राउंड लें।
इतनी मौतें चिंताजनक, सम्मानजनक तरीके से हो अंतिम संस्कार
मुख्यमंत्री ने अफसरों संग बैठक में गंगा और यमुना किनारे मिलीं सैकड़ों लाशों पर चिंता जाहिर की। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति दुख भी जताया। कहा कि एक तो इतनी मौतें नहीं होनी चाहिए। यदि महामारी में हुईं भी तो उनके शवों के अंतिम संस्कार की उचित व्यवस्था होनी चाहिए थी।
इसमें जिला प्रशासन सही से काम नहीं कर सका। भविष्य में इस तरह की खामी सामने न आए। हर शव का सम्मान पूर्वक और उचित तरीके से अंतिम संस्कार हो। गंगा या यमुना में शव मिलने की सूचना मिली तो डीएम जिम्मेदार होंगे।