मुजफ्फरनगर में जिला पंचायत चुनावों में विपक्ष की सारी आस भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में एकजुट रहे सात मुस्लिम जिला पंचायत सदस्यों पर ही टिकी हुई थी। उम्मीद की जा रही थी कि वह क्रॉस वोटिंग कर भाजपा प्रत्याशी के बजाए संयुक्त विपक्ष के प्रत्याशी को वोट देंगे। देवबंद से लेकर दिल्ली तक से इन मुस्लिम जिला पंचायत सदस्यों व इनके परिजनों पर दबाव बनाया गया था। बड़े बड़े मुस्लिम नेता और खुद चौधरी नरेश टिकैत ने भी इनसे बात की थी। इसके बावजूद यह भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में एकजुट रहे। चौधरी नरेश टिकैत ने अंतरात्मा की आवाज पर वोट देने का आह्वान किया था। पर चुनावों में भाजपा ने इन सभी मुस्लिम जिला पंचायत सदस्यों के साथ हेल्पर भेजकर विपक्ष की सारी रणनीति को ही विफल कर दिया। ये कहना गलत न होगा कि न तो क्रॉस वोटिंग की और न ही अंतरात्मा की आवाज वाली बात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
मिले सिर्फ छह वोट :
मुजफ्फरनगर में भाजपा के डा.वीरपाल निर्वाल जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने संयुक्त विपक्ष (भाकियू) प्रत्याशी सत्येंद्र बालियान को 26 वोट के भारी अंतर से हराया। डा.वीरपाल निर्वाल को 30 और सत्येंद्र बालियान को केवल चार वोट मिली। विपक्ष के खेमे के 9 जिला पंचायत सदस्यों ने प्रशासन पर सत्तारूढ दल के नेताओं के दबाव में काम करने का आरोप लगाते हुए मतदान में भाग नही लिया जिस कारण 43 वोट में से केवल 34 वोट ही पड़े।
शनिवार सुबह कड़ी सुरक्षा में शुरू हुए मतदान में भाजपा के समर्थक सभी तीस जिला पंचायत सदस्य एक साथ विधायक उमेश मलिक के नेतृत्व में पुलिस सुरक्षा में एक ही काफिले में वोट देने के लिए पहुंचे। यहां कचहरी गेट पर अंबेडकर प्रतिमा के निकट आठ जिला पंचायत सदस्यों को वोट डालने के लिए कलक्ट्रेट गेट पर हेल्पर भी उपलबध कराए गए। सभी भाजपा समर्थक एकसाथ ही वोट डालने के लिए पहुंचे, 12.30 बजे तक अपनी वोट भी डाल दी। उधर, रालोद के दो जिला पंचायत सदस्यों इरशाद सावटू व अंकित बालियान को लेकर पूर्व मंत्री योगराज सिंह कचहरी गेट पर पहुंचे। यहां से दोनों सदस्यों को वोट देने के लिए अंदर जाने दिया गया। दोनों ने वोट डाली।
संयुक्त विपक्ष (भाकियू) की ओर से प्रत्याशी सतेंद्र बालियान भी अपने साथ जिला पंचायत सदस्य आरिफा को वोट डलवाने के लिए लेकर आए। जिस समय वह वोटिंग के लिए जिलाधिकारी कोर्ट कक्ष में पहुंचे वहां पर भाजपा सदस्य अपनी लाइन में लगे हुए थे। वोट डालने के बाद सतेंद्र बालियान ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने सत्ता के दबाव में आकर हेल्पर उपलबध करा दिए हैं, जबकि उन्हें एक दिन पूर्व पत्र जारी कर अवगत कराया गया था कि जिला पंचायत चुनावों में हेल्पर नहीं दिया जाएगा। उनके पक्ष को हेल्पर नहीं देकर भाजपा पक्ष के लोगों को हेल्पर दे दिए हैं। उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति जताई।