वाओं को उद्यमी बनाने के लिए योगी सरकार बड़ा अभियान शुरू करने जा रही है। युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देने के साथ-साथ उन्हें अपना उद्यम स्थापित करने के लिए वित्तीय, तकनीकी व अन्य सहायता भी उपलब्ध कराने का खाका तैयार किया गया है। उद्यमिता की बारीकियां सिखाने के लिए सरकार हर जिले में कार्यशालाएं आयोजित करेगी।
युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए सरकार इसमें बांबे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), बैंकर्स और इस क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वाली संस्थाओं एवं विशेषज्ञों की भी मदद लेगी। इन कार्यशालाओं में एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) के बारे में इनोवेटिव आइडियाज, आए हुए विचारों के अनुसार इच्छुक युवाओं को प्रशिक्षण, पूंजी की उपलब्धता के साथ पैकेजिंग और मार्केटिंग के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
कार्यशालाओं में युवाओं को यह भी बताया जाएगा कि आइडिया सबसे अहम है। योयो, उबर, ओला और फ्लिपकार्ट इसके उदाहरण हैं। हर युवा नया आइडिया देने में सक्षम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुसार भारत को आत्मनिर्भर बनाना है तो हर जिले को आत्मनिर्भर बनना होगा। इसमें ओडीओपी की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
मिशन स्वरोजगार
मिशन रोजगार के तहत योगी सरकार का जोर ज्यादा से ज्यादा युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने पर है। सरकार का ऐसे उद्यमों की स्थापना पर ज्यादा जोर है, जिससे अन्य बेरोजगारों को भी रोजगार मिल सके।
सरकार की मंशा है कि युवा रोजगार मांगने वाले की बजाय उसे देने वाला बने। ऐसा तभी होगा जब वह कोई उद्यम लगाएं। इसके लिए सरकार कई योजनाओं के जरिए उनकी मदद भी कर रही है। बावजूद इसके सरकार की एक सीमा है। अगर सरकार के इस अभियान को इस विधा के एक्सपर्ट संस्थाओं और संगठनों की मदद मिले तो नतीजे बेहतर बेहतर आएंगे|