Wednesday , February 8 2023

एक रात में 45 मुकदमों से क्लीन चिट, समाजवादी आवासीय योजना में सस्ते फ्लैट के नाम पर हुई थी करोड़ों की ठगी

मेरठ में समाजवादी आवासीय योजना में सस्ते फ्लैट देने के नाम पर हुई महाठगी में पुलिस ने बिल्डर कंपनी आरवंश कलर सिटी के डायरेक्टर आलोक रस्तौगी का नाम 45 मुकदमों से एक रात में निकाल दिया।

नवंबर-2018 में कोर्ट के आदेश पर दौराला थाने में 43 और इंचौली थाने में दो मुकदमे दर्ज हुए थे। इसमें एमएलसी के परिजनों समेत कुल 9 लोग अभियुक्त बनाए गए थे। लोगों का आरोप था कि दौराला में हाईवे पर आरवंश कलर सिटी द्वारा समाजवादी आवासीय योजना लांच की गई। इसमें सस्ते फ्लैट देने का झांसा दिया।

तमाम लोगों से रुपये वसूल लिए, लेकिन उन्हें फ्लैट नहीं दिया। करीब 6 करोड़ रुपये की ठगी हुई। सभी 45 मुकदमों की जांच क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर सत्यवीर सिंह कर रहे थे।

पुलिस ने लिखा- डायरेक्टर भी हुए धोखाधड़ी के शिकार
इस केस में एक अभियुक्त आलोक रस्तोगी निवासी सेंट्रल मार्केट शास्त्रीनगर थे, जो आरवंश सिटी कंपनी में डायरेक्टर थे। अब आलोक रस्तोगी का नाम सभी मुकदमों से एकसाथ निकाल दिया गया है। पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट में लिखा है कि इस स्कीम में आलोक रस्तोगी भी धोखाधड़ी के शिकार हुए थे।

उनका नाम इस मुकदमे में झूठा लिखाया गया था। सूत्रों ने बताया कि एक बड़े अधिकारी ने दो दिन पहले रात में इस केस के विवेचक को बुलवाया और सारे मुकदमों में अलग-अलग तारीखों में पर्चे कटवाकर आलोक रस्तोगी को क्लीन चिट दे दी। इसे लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।

नौ पर हुई थी एफआईआर
डॉ. ओमप्रकाश अग्रवाल, डॉ. नीमा अग्रवाल, रवि कुमार रस्तोगी, मनमोहन सपरा, डायरेक्टर डॉ. अनुराग गर्ग, डायरेक्टर आलोक रस्तौगी, अखिलेश चौहान, कैशियर पूनम प्रताप, मोहम्मद मोबिन पर एफआईआर हुई थी। पहले सात आरोपी सभी 45 मुकदमों में नामजद हुए थे।

पूर्व में पांच नाम निकले
पूर्व कमिश्नर अनीता सी.मेश्राम और पूर्व एसपी सिटी रणविजय सिंह ने जांच के बाद पाया कि डॉ. ओमप्रकाश, डॉ. नीमा अग्रवाल व मनमोहन सपरा का इस पौंजी स्कीम से कोई लेनादेना नहीं था।

जांच रिपोर्ट के आधार पर तीनों के नाम सारे मुकदमों से निकाल दिए गए। पूनम और मोबिन को वेतनभोगी कर्मचारी होने के आधार पर क्लीन चिट मिल गई।आरोपी अखिलेश चौहान को 22 मुकदमों में जमानत मिल चुकी है। बाकी मुकदमों में वह वांछित है। अनुराग गर्ग अब तक फरार है, इसलिए विवेचना प्रचलित है।

अखिलेश और रवि पर पूर्व में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। आलोक रस्तोगी के एनबीडब्लू और 82 की कार्रवाई अक्तूबर-2020 में हुई थी। अब आलोक का नाम सारे मुकदमों से एकसाथ निकाल दिया गया है।

रेरा कोर्ट का आदेश ठेंगे पर
रेरा कोर्ट ने अक्तूबर-2020 में आलोक रस्तोगी समेत आरवंश कलर सिटी कंपनी को दोषी मानते हुए जुर्माना व रिकवरी करने का आदेश दिया था। पीड़ितों को अब तक न पैसा वापस मिला है और न ही दोषी कंपनी ने जुर्माना भरा है।