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यूपी का पहला ‘आरोग्य वन’ गोरखपुर में बनेगा, जमीन तैयार करने में जुटा वन विभाग

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, गोरखपुर वन प्रभाग प्रदेश का पहला आरोग्य वन गोरखपुर में स्थापित करेगा। एक जुलाई से 7 जुलाई के बीच मनाए जाने वाले वन महोत्सव के दौरान शहर के मध्य में 2800 वर्ग मीटर में स्थापित किया जाएगा।

शासन से स्वीकृति मिलने के बाद औषधीय पौधे रोपे जाने के लिए आवंटित जमीन को साफ सुथरा करने का काम शुरू हो गया है। आरोग्य वन में शहरवासी मार्निंग वॉक के साथ औषधिय पौधों के प्रति जागरूक होने के साथ उनके संरक्षण-संवर्धन के लिए भी प्रेरित होंगे। औषधीय पौधों की ताजी हवा में सांस लेकर खुद को स्वस्थ्य भी रखेंगे।  

कोरोना महामारी के दौर में लोगो का रुझान योग के साथ औषधियों और पेड़ पौधों की ओर भी काफी बढ़ा है। शुद्ध हवा, पानी और पर्यावरण प्रदूषण के मसले के प्रति लोग संवेदी हुए हैं।

यही वजह कि ऐसे पौधे जो ज्यादा आक्सीजन देते हैं, उनकी बाजार में अचानक मांग बढ़ गई तो तुलसी, आवला, नीबू, सरीखे पौधों भी लोग अपने किचन गार्डेन और छतों पर लगे गमलों में लगाने लगे। डीएफओ अविनाश कुमार ने इसी रुझान को बनाए रखने के लिए विभाग ने आरोग्य वन बनाने का निर्णय लिया और इसे आरोग्य वन नाम दिया।

आरोग्य वन की देखभाल की जिम्मेदारी वन विभाग की होगी। हेरिटेज फाउंडेशन के ट्रस्टी अनुपमा मिश्र से गोरखपुर वन प्रभाग की इस कोशिशों की सराहाना करते हुए इसे अनुकरणीय बताया है। 

रेलवे बस स्टेशन रोड पर नजूल की भूमि पर बनेगा आरोग्य वन
जिला प्रशासन ने रेलवे बस स्टेशन रोड पर स्थित 28 सौ वर्गमीटर भूमि आरोग्य वन बनाने के लिए आवंटित की है। नजूल की इस भूमि पर कुछ माह पहले तक अवैध कब्जा था। तहसीदार सदर डॉ संजीव दीक्षित ने जिला प्रशासन ने इसे खाली कराया था। शहर के मध्य बनने वाला यह आरोग्य वन यकीन शहरवासियों के लिए शहर के बीच सर्वाधिक भीड़-भाड़ वाले इलाके में एक और आक्सीजन चेम्बर उपलब्ध कराएगा। 

लगाए जाएंगे ये पौधे
आरोग्य वन में दैनिक उपयोग में आने वाले ऐसे औषधीय पौधों को लगाने पर सर्वाधिक जोर है। डीएफओ अविनाश कुमार बताते हैं कि आंवला, बेल, घृतकुमारी, गिलोय, नीम, सहजन, तुलसी, बबूल, कदम्ब, सेमल, शीशम, यूकेलिप्टस, आम, अमरुद, जामुन, बेर, पपीता, लीची, हरसिंगार,अर्जुन, लेमन ग्रास, कालमेघ, अश्वगंधा, नीम, एलोवेरा, हरड़, बेहड़ा, पीपल, पाकड़, बरगद आदि शामिल हैं। 

‘‘पहली बार आरोग्य वन स्थापित किया जा रहा। बाद में इसे दूसरे जिलों में भी निर्मित किया जाएगा। आरोग्य वन और वन महोत्सव की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।’’