Friday , November 22 2024

सीरिया में केमिकल अटैक से 100 की मौत, 400 घायल, ट्रंप ने ओबामा-असद पर साधा निशाना

सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले इदलिब शहर में संदिग्ध रासायनिक हमले में कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई है। ऐसा बताया जा रहा है कि इस हमले में करीब 400 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं, जिन्हें गंभीर इलाज की सख्त जरूरत है। सीरिया के इस उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में इस हमले के कारण सभी लोग दम घुटने का शिकार हुए हैं।
Capture
 
हालांकि सीरिया में हमले के दौरान रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को लेकर सभी पक्ष इससे इंकार करते रहे हैं, लेकिन इस बार उंगली सीरिया की सरकार पर उठी है। इस हमले की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा हस्तक्षेप की मांग की गई है। वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले के लिए सीरिया के राष्ट्रपति बसर-अल-असद और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को जिम्मेदार ठहराया है।

फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद ने सयुंक्त राष्ट्र संघ से सीरिया सरकार के खिलाफ कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने सरकार को नरसंहार ने लिए जिम्मेदार ठहराते हुए इस हमले पर यूनाइटेड नेशंस सिक्यॉरिटी काउंसिल की इमर्जेंसी बैठक बुलाने की अपील की है।

द सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार खान शेखौन में सीरिया की सरकार और रूसी जेट के हमले में लोगों के दम घुटने की बात सामने आई है। ब्रिटेन आधारित सीरियाई ऑब्जवेटरी के मानवाधिकार संगठन ने बताया कि हमले के प्रभावित लोगों के मुंह से झाग निकल रहे हैं और उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है। साथ ही कई लोगों के बेहोश होने की शिकायतें भी सामने आई हैं।

सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के विरोधियों द्वारा स्थानीय समन्वय समितियों के नेटवर्क के हवाले से ऐसे लोगों की तस्वीरें भी प्रकाश में आई हैं। हालांकि सीरिया सरकार अब तक रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल से लगातार इंकार करती रही है। 

जहरीली गैस का यह हमला मंगलवार की सुबह आवासी इलाके में एक जंगी विमान द्वारा किया गया। संयुक्त राष्ट्र और ऑर्गेनाइजेशन फॉर द प्रोहिबिशन ऑफ केमिकल वीपन के मुताबिक वर्ष 2014 से 2015 के बीच सरकारी सेना ने कम से कम 3 बार क्लोरीन गैस का हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है।

यह रिपोर्ट पिछले साल अक्टूबर में सामने आई थी। जांच में यह भी पाया गया कि आईएस के आतंकवादियों ने हमले के दौरान मस्टर्ड गैस का उपयोग किया था। इसके कारण प्रभावित होने वाले लोगों के शरीर पर फफोले निकल आए थे।