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कैग का बड़ा बयान: सपा सरकार ने 20 करोड़ रुपये बेरोजगारी भत्ता देने में फूंके 15 करोड़

सपा सरकार के दौरान 20 करोड़ रुपये बेरोजगारी भत्ता देने के लिए आयोजित समारोहों पर 15 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर दिए गए। कैग ने इसे फिजूलखर्ची बताया। निदेशक, प्रशिक्षण एवं रोजगार, उत्तर प्रदेश की लेखा परीक्षा में पाया गया कि वर्ष 2012-13 के दौरान 69 जिलों में 1,26,521 बेरोजगारों को 20.58 करोड़ रुपये भत्ते के रूप में दिए गए।
राज्य सरकार ने लाभार्थियों को समारोह स्थल पर लाने में परिवहन पर 6.99 करोड़ रुपये और उनके बैठने-खाने के इंतजाम पर 8.07 करोड़ रुपये यानी कुल 15.06 करोड़ रुपये खर्च किया।

कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चेक वितरण पर किए गए इस भारी-भरकम खर्च का कोई औचित्य नहीं था, क्योंकि बेरोजगारी भत्ते का भुगतान लाभार्थियों के बैंक खाते में बिना किसी खर्च के किया जा सकता था।

छात्रावासों पर करोड़ों खर्च, पर नहीं हुआ इस्तेमाल

अन्य पिछड़ा वर्ग की छात्राओं के लिए हरदोई और बाराबंकी में दो छात्रावासों का निर्माण किया गया। इसमें केंद्र ने 50 प्रतिशत सहायता दी थी।

इन छात्रावासों में बिजली, पानी के अभाव और कर्मचारियों की नियुक्ति न किए जाने से ये क्रमश: छह और चार साल से खाली पड़े हैं।

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि 1.16 करोड़ का यह खर्च किसी काम नहीं आया, क्योंकि छात्रावासों का उपयोग नहीं हो पाया।

इसी तरह अनुसूचित जाति की छात्राओं के लिए आगरा और बिजनौर जिले में छात्रावासों के निर्माण पर 1.74 करोड़ रुपये का खर्च भी बेकार रहा, क्योंकि ये भी इस्तेमाल नहीं किए जा सके।

चेकडैम के निर्माण में 1.04 करोड़ का नुकसान

हमीरपुर में 27 चेकडैम के निर्माण में अधिशासी अभियंता, लघु सिंचाई ने निम्न दर होने के बावजूद 26 चेकडैम की निविदाओं को खारिज कर दिया।

इसके बाद दुबारा निविदा आमंत्रित कर 22 चेकडैम के लिए ऊंची दरों पर निविदा स्वीकार की। इससे 1.04 करोड़  का नुकसान हुआ। शासन ने अपने स्पष्टीकरण में इसे स्वीकार करते हुए कहा कि उत्तरदायी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पीडब्ल्यूडी में ठेकेदारों को अधिक भुगतान
कैग ने पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय खंड, मऊ और वाराणसी में ठेकेदारों को 2.35 करोड़ रुपये अधिक भुगतान करने पर कड़ा एतराज जताया। मऊ में मानकों को धता बताते हुए ठेकेदार ने 20.250 टन अधिक बिटुमिन का प्रयोग सड़क निर्माण में किया।

इतना ही नहीं, विभागीय अधिकारियों ने उसे 80 लाख रुपये का अधिक भुगतान कर दिया। इसी तरह वाराणसी में मोहन सराय कैंट मार्ग पर अधिक बिटुमिन का प्रयोग किया, जिससे 1.55 करोड़ रुपये राजस्व का नुकसान हुआ।