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शौचालय के लिए महिला ने CM योगी को लिखा ऐसा लेटर की हिल गया पूरा आगरा

केंद्र और राज्य सरकारें भले ही महिला सशक्तिकरण और महिलाओं की बेहतरी की बात करती हों… लेकिन ये सब महिलाओं की पहुंच से कोसों दूर है। आलम ये है कि पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट खुले में शौचमुक्त भारत का सपना यूपी के अधिकारिओं की टेबलों में दम तोड़ रहा है। आगरा में महिला ने जब शौचालय की मांग की तो अधिकारियों ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया। जिसके बाद महिला ने सीएम योगी को खून से लेटर लिख दिया।

शौचालय के लिए महिला ने CM योगी को लिखा ऐसा लेटर की हिल गया पूरा आगराएक तरफ जहां ओडीएफ यानी खुले में शौच के खिलाफ पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी तक मुहीम चला रहे हैं। ससुराल में शौचालय की मांग करने वाली प्रियंका भारती का नाम देश भर में प्रसिद्ध हो गया। वहीं दूसरी तरफ आगरा में एक महिला को शौचालय की मांग करना इतना महंगा पड़ गया कि प्रशासन ने उसके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज करा दी। जबकि उसका कसूर सिर्फ इतना था की उसने जिला प्रशासन से चार महीने पहले शौचालय के लिए खोदे गए गड्डों को पक्का कराने के लिए केंद्र और राज्य से मिलने वाली रकम को मांग लिया था। महिला ने शौचालय के लिए पैसा मांगा तो एडीओ पंचायत इतना नाराज हो गए की उन्होंने महिला के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज करा दी।

शौचालय की मांग करने पर जब महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई तो उसने भी मोर्चा खोल दिया और घर के बाहर महीनों से अधूरे पड़े शौचालयों के पास बैठकर धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया, इसमें उसके साथ गांव की महिलाओं ने भी साथ दिया और ये धरना प्रदर्शन भूख हड़ताल में बदल गया। जिसके बाद प्रशासन ने पुलिस के ड़डे के बल पर महिला की भूख हड़ताल खत्म कराने की कोशिश की। लेकिन महिला ने प्रशासन के बढ़ते दबाव के बाद सीएम को खून से लेटर लिखा है।

महिला के लेटर लिखने के बाद प्रशासन हरकत में आया लेकिन प्रशासन की पोल उस वक्त यहां खुल गई जब एडीएम सिविल सप्लाई ने बताया की 488 शौचालयों की स्वीकृति शासन से मिली है जिनपर काम होना है। महिला ने लेटर में लिखा है कि आगरा में शौचालय को लेकर प्रशासन का रवैया लचर है। महिला ने लेटर के माध्यम से सीएम को बताया है कि आगरा में शासन ने 488 शौचालय स्वीकृत कर दिए हैं। लेकिन जरूरत मंदों को शौचालय नहीं मिला है। अधिकारियों का कहना है कि उनको जो शासन से आदेश मिला है उसको वो पूरा कर रहे हैं।