जिसे पश्चिमी देशों में हेल्थ के लिए बंद, कोल्ड ड्रिंक, सॉफ्ट ड्रिंक और रसायनिक पेय नही प्रयोग किया जाता,उसे भारतीय बाजार में विदेशी कम्पनियां लुभावने विज्ञापन के जरिए मोटी कमाई कर रही है।इसकी फेहरिस्त में नूडल्स,चौमिंग और फ़ास्ट फ़ूड और कोल्ड ड्रिंक है ।भारतीय लोग परंपरागत पौष्टिक खान-पान से दूरी बनाकर फ़ास्ट,फ़ूड और साफ्ट ड्रिंक को खा -पीकर बीमारियों का शिकार बन रहे है। पूर्ण रूप से भारतीय कम्पनी राजघराना एग्रो फ़ूड ने फाइवर युक्त पेय चना अमृत और सतगुण,जौ का सतू चना सतू और मक्के की सत्तू का उत्पादन शुद्ध और हर्बल तरीके से कर रही है।
गर्मी और सर्दी से सेहत को नुकसान पहुचने वाले कारकों से लड़ने के लिए राजघराना एग्रो फुड ने चना अमृत बाजार में उतरा है। जिसको पीने से तमाम बीमारियों से बचा जा सकता है। लोगो की बजट को ध्यान में रखते हुए चना अमृत बाजरा में राजघराना ब्रांड से आपको १०० ग्राम,दो सौ ग्राम के पैकेट में मिल जाएगा
चना अमृत का इस्तेमाल गर्मियों में प्यास बुझाने के लिए किया जा सकता है। हम बात कर रहे है गर्मियों में लू से बचने चना अमृत का प्रयोग फायदेमंद होता है साथ ही सर्दियों में भी इसका प्रयोग बहुत फायदेमंद है।
इसका इस्तेमाल एक हेल्थ ड्रिंक के रूप में किया जा सकेगा, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है। इसमें फाइबर और कार्बोहाइड्रेट की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। यह पाउडर के रूप में पैकेट में बिकता है। जिसका प्रयोग कही भी पैकेट को फाड़ो और पानी में घोलकर पी जाओ। चना अमृत के सेवन शरीर के लिए बहुत लाभकारी साबित होगा।आज आप सभी को इसके फायदों के बारे में बताने जा रहे है। जिन्हें जानकर आप भी चना अमृत का फैन हो जाएंगे।
चना अमृत पीने के फायदे :-
1पाचन ठीक रखे. :
चना अमृत फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है और इसे पीसने के बाद बनाए जाने वाले भी उतनी ही मात्रा पाई जाती है। गर्मियों के मौसम में इसे पीना बहुत ही लाभकारी होता है। गर्म, मसालेदार और ऑयली खाने की वजह से अक्सर लोगों को अपच की समस्या हो जाती है। चने का चना अमृत पी कर इस समस्या को बड़ी ही आसानी से दूर किया जा सकता है। इसमें मौजूद फाइबर खाने को पचाने की प्रक्रिया को तेज करके पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करते है।
2. मोटापे के लिए :
चना अमृत में सभी जरुरी तत्व पाए जाते है जो सम्पूर्ण आहार के लिए जरूरी होते है। चना अमृत पीने से लम्बे समय तक व्यक्ति को भूख नहीं लगती और उसका पेट भरा रहता है। जिससे आसानी से वजन को कम किया जा सकता है। बहुत से लोग डाइटिंग के चलते घंटो तक भूखें रहते है जिससे वजन तो कम हो जाता है लेकिन अधिक समय तक भूखे रहने की वजह से उनकी सेहत पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। जबकि चना अमृत पकी भूख को शांत करने का काम करता है बल्कि आपके शरीर की पोषक तत्वों की जरूरतों को भी पूरा करता है।
3. एनर्जी का स्त्रोत्र :
चना अमृत में बहुत से मिनरल्स जैसे आयरन, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस पाया जाता है जो शरीर को इंस्टेंट एनर्जी देने का कम करता है। इसमें नींबू और नमक मिलाकर मिला होता है,जिससे एनर्जिक गुण और बढ़ जाते है। चना अमृत में और भी कई गुण पाए जाते है जो शरीर की थकान मिटाकर एनर्जी देने में मदद करता है।
4. पेट को ठंडा रखे :
चना अमृत ठंडी होती है जिसकी वजह से गर्मियों में इसका सेवन करना लाभकारी होता है। इसमें मौजूद गुण गर्मियों में चलने वाली ले से बचाने में सहाय होते है। यह पेट को ठंडा रखने में भी मदद करता है जिससे पेट से संबंधी कई बीमारियाँ दूर हो जाती है। इसके सेवन से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है। इसका अधिकतर लाभ तभी होता है जब इसका सेवन खाली पेट और दोपहर किया जाए।
5. एनीमिया की समस्या :
शरीर में आयरन की कमी हो जाने पर एनीमिया की समस्या होती है और इसे भी दूर करने की क्षमता रखता है। शरीर में आयरन की कमी होने पर चना अमृत पानी मिलाकर पीने से काफी लाभ होता है। यह समस्या अधिकतर महिलाओं में प्रेगनेंसी के बाद होती है। ऐसे में चना अमृत लाभकारी होगा।
6. लिवर के लिए :
चना अमृत मे प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है जो लिवर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरुरी होती है। चना अमृत केवल आधे कप में 10 ग्रा प्रोटीन, 178 कैलोरी और 3 ग्रा फैट होता है। खराब खाने, एल्कोहल की अधिक मात्रा का सेवन करने से सबसे अधिक प्रभाव लिवर पर पड़ता है जो भविष्य में कई गंभीर बिमारियों का कारण बनता है। ऐसे में यदि नियमित रूप से का सेवन किया जाए तो लिवर और स्वास्थ्य दोनों को बेहतर बनाया जा सकता है।
7. डायबिटीज की समस्या :
चना अमृत में मौजूद बीटा-ग्लूकेन शरीर में बढ़ते ग्लूकोस के अवशोषण को कम करता है जिसे ब्लड में शुगर का लेवल नियंत्रित रहता है। यदि मधुमेह के रोगी नियमित रूप से इसकासेवन करें तो डायबिटीज को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है
खराब और दूषित खानपान के चलते अधिकतर लोग पथरी की समस्या से परेशान रहते हैं। इस बीमारी से पीड़ित लोग को पानी में उबालें। इसे ठण्डा करने के बाद रोज 1 ग्लास पीएं। ऐसा नियमित करने से पेट की पथरी गलती है। इसके अलावा ऐसे लोग जौ की रोटी, धाणी और जौ चना अमृत कते हैं।