अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक ट्वीट से परमाणु हथियारों की होड़ बढ़ने की आशंका है। परमाणु हथियारों के जखीरे को मजबूती और विस्तार देने से जुड़ा उनका यह ट्वीट ओबामा प्रशासन की नीति में बड़े बदलाव का संकेत दे रहा है। ओबामा प्रशासन परमाणु हथियारों में कमी लाने और धीरे-धीरे उसके उन्मूलन पर जोर देता रहा है।
ट्रंप ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा था,”जब तक परमाणु हथियारों के मामले में दुनिया को सद्बुद्धि नहीं आती तब तक अमेरिका को अपनी परमाणु क्षमताओं को अत्यधिक मजबूती और विस्तार देना चाहिए।” अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में एक बड़ा बदलाव बताया है। वहीं, परमाणु अप्रसार की मजबूत अमेरिकी लॉबी ने इस पर चिंता जताई है।
सेंटर फॉर आर्म्स कंट्रोल एंड नॉन-प्रेलिफरेशन के कार्यकारी निदेशक और 18 साल तक कांग्रेस के सदस्य रहे जॉन टियर ने कहा,”महज 140 अक्षरों का इस्तेमाल कर अमेरिका में एक बड़े बदलाव की घोषणा करना नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के लिए खतरनाक है। परमाणु हथियार नीति बारीक, जटिल है और यह इस ग्रह के हर व्यक्ति को प्रभावित करती है।”
उन्होंने कहा कि शीतयुद्ध के बाद से रूस के साथ परमाणु हथियारों पर निर्भरता कम करने को लेकर सहमति बनी हुई है। ऐसे में परमाणु हथियारों के विस्तार का आह्वान नए सिरे से परमाणु हथियारों की दौड़ शुरू कर देगा। गौरतलब है कि अमेरिका के पास 7000 से ज्यादा परमाणु हथियार है। यह दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसके बाद रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन का नंबर आता है।