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उन्नाव केस: एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाई गई पीड़िता, आईसीयू में लड़ रही जिंदगी की जंग

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यूपी के लखनऊ से एयर लिफ्ट हुई उन्नाव पीड़िता गुरुवार रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल पहुंची। अस्पताल के आपातकालीन विभाग के आईसीयू में पीड़िता को भर्ती किया है। पीड़िता के साथ एक परिजन भी अस्पताल में मौजूद है।

शाम करीब 6 बजे लखनऊ से दिल्ली रवाना होने के बाद इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर एंबुलेंस पहुंची। रात 8 बजकर 22 मिनट पर हवाई अड्डे से सफदरजंग अस्पताल तक एंबुलेंस के लिए दिल्ली पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया था। करीब 100 यातायात पुलिस और 50 पुलिस जवानों की मदद से ग्रीन कॉरिडोर के जरिए पीड़िता को अस्पताल पहुंचाया।

इससे पहले उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा भी अस्पताल पहुंची। उन्होंने बताया कि वह पीड़िता से मिलने आई हैं। उन्होंने ये भी कहा कि भले ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया हो, लेकिन आयोग इन आरोपियों को फांसी देने की मांग कर रहा है।

सफदरजंग अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल के बर्न विभाग के वरिष्ठ डॉ. शलभ की निगरानी में तीन वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम ने पीड़िता का उपचार शुरू कर दिया है।

पीड़िता का करीब 90 फीसदी शरीर आग की चपेट में आने के कारण उसकी हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि फिलहाल अगले 24 घंटे तक वे कुछ भी जानकारी नहीं दे सकते हैं।

आईसीयू में भर्ती पीड़िता का उपचार शुरू कर दिया है। कुछ मेडिकल जांच भी की गई हैं जिनकी रिपोर्ट शुक्त्रस्वार सुबह आएगी। इन रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की जानकारी दी जाएगी। मेडिकल टीम में तीन वरिष्ठ डॉक्टर के अलावा पांच सीनियर रेजीडेंट, चार नर्से भी शामिल हैं|

इससे पहले उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल पहुंच चुकी है। मीडिया से बात करते वक्त उन्होंने बताया कि वह पीड़िता से मिलने आई हैं। उन्होंने कहा कि यह एक जघन्य अपराध है। महिला आयोग ऐसे दोषियों के लिए फांसी के सजा की मांग करती है।

बता दें कि उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को जिंदा जलाए जाने की घटना के बाद गुरुवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश डीजीपी को एक पत्र लिखकर विस्तृत जानकारी मांगी है।

उन्होंने कहा कि युवती को अदालत जाते वक्त रास्ते में आग लगा दी गई। ऐसा सिर्फ इसीलिए हुआ क्योंकि न तो युवती को सुरक्षा दी गई थी और न ही उसके साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपियों की जमानत पर अदालत ने किसी तरह की आपत्ती जताई थी।

इससे पहले उन्नाव के बिहार थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को गुरुवार सुबह पांच युवकों ने पेट्रोल डालकर जला दिया था। पिता की सूचना पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता को जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां पीड़िता की हालत गंभीर देख कानपुर हैलट रेफर कर दिया गया था। कानपुर के बाद पीड़िता को लखनऊ रेफर कर दिया गया।

पीड़िता ने बयान दिया है कि गुरुवार सुबह चार बजे वह रायबरेली जाने के लिए ट्रेन पकड़ने बैसवारा बिहार रेलवे स्टेशन जा रही थी। गौरा मोड़ पर गांव के हरिशंकर त्रिवेदी, किशोर शुभम, शिवम, उमेश ने घेर लिया और सिर पर डंडे से और गले पर चाकू से वार किया। वह चक्कर आने से गिरी तो पेट्रोल डालकर आग लगा दी। शोर मचाने पर भीड़ को आता देख वह भाग निकले।

पीड़िता ने बताया कि पूर्व में आरोपियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। उधर, घटना की जानकारी मिलने पर डीएम देवेंद्र पांडे, एसपी विक्रांत वीर समेत कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। पीड़िता की हालत गंभीर देख कानपुर हैलट रेफर कर दिया गया था। बताया जा रहा है कि सभी हमलावरों को हिरासत में ले लिया गया है।

जानकारी के अनुसार दुष्कर्म पीड़िता रायबरेली मामले की पेशी के लिए जा रही थी। एसपी विक्रांत वीर ने बताया कि घटना के तत्काल बाद पीड़िता के बयान के आधार पर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी दो आरोपियों की तलाश के लिए चार टीमें बनाई गई हैं। लखनऊ में सिविल अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती है। पीड़िता को देखने एडीजी जोन एसएन सावंत सिविल अस्पताल पहुंचे।

90 प्रतिशत जल चुकी है पीड़िता

निदेशक डॉ. डीएस नेगी का कहना है कि पीड़िता 90 प्रतिशत जल चुकी है। इलाज के लिए अपनी पूरी टीम लगा रखी है। पीड़िता सुबह सवा दस बजे सिविल अस्पताल पहुंची थी। सिविल अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन डॉ. प्रदीप तिवारी पीड़िता का इलाज कर रहे हैं। घटना की गहन तफ्तीश की जा रही है। इस घटना से जुड़े कुछ और तथ्य भी मिले हैं, जिनकी पुलिस जांच कर रही है। पीड़िता को पेन किलर समेत फ्लूड चढ़ाया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्नाव मामले में पीड़िता का इलाज सरकारी खर्च पर कराए जाने व आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने के प्रशासन को आदेश दिए हैं। वहीं अखिलेश यादव ने इस मामले मे योगी सरकार से सामूहिक इस्तीफे की मांग की है।

आईजी ने बाताया कि पांच दिन पहले 30 नवंबर को मुख्य आरोपी हाईकोर्ट से जमानत पर जेल से बाहर आया था। उसके बाद से ही बदला लेने का मौका ढूंढ रहा था। आज मौका पाकर चार साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया।