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नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के बीच PM मोदी ने जता दी अपनी सरकार की मंशा?

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नागरिकता काननू पर जहां देश के विश्वविद्यालयों के छात्र और विपक्ष के नेता लगातार विरोध कर रहे हैं वहीं पीएम मोदी  ने एक बार फिर इस कानून पर अपनी मुहर लगा दी है साथ ही प्रदर्शनों के दौरा हिंसा पर भी सवाल खड़े किए हैं. पीएम मोदी ने ट्वीटर पर बयान देकर साफ कर दिया है कि इन विरोध प्रदर्शनों पर सरकार पर कोई खास असर नहीं होने वाला है. पीएम मोदी ने कहा, ‘नागरिकता संशोधन कानून, 2019 को संसद के दोनों सदनों से शानदार समर्थन मिला. बड़ी तादाद में सांसदों तथा राजनातिक दलों ने इसे पारित करना में साथ दिया. यह कानून भारत की सदियों पुरानी स्वीकार्यता, सद्भाव, प्रेम तथा भाईचारे की संस्कृति का प्रतीक है.’ इसके बाद पीएम मोदी ने कहा, यह समय शांति, एकता और भाईचारा बनाए रखने का है. मैं सभी को अपील करता हूं कि किसी भी तरह की अफवाह और गलतफहमी से दूर रहें.  पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘मैं सभी भारतीयों से कहना चाहता हूं कि नागरिकता एक्ट किसी भी भारतीय और धर्म को प्रभावित नहीं करेगा. किसी भी भारतीय को इस कानून से डरने की जरूरत नहीं है. यह कानून सिर्फ उनके के लिए जिन्होंने बाहर अत्याचार झेला है और उनके पास भारत के अलावा कोई और जगह नहीं है. पीएम मोदी ने कहा कि इस समय सभी को साथ मिलकर भारत के विकास, गरीबों और वंचितों के सशक्तिकरण के लिए काम करने की जरूरत है. हम किसी भी समूह को हमें विभाजित और गड़बड़ करने की इजाजत नहीं दे सकते हैं|

इसके बाद पीएम मोदी ने अपने एक और ट्वीट में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वालों को भी संदेश दिया है कि “चर्चा, विचार-विमर्श तथा असहमति लोकतंत्र का अभिन्न अंग होते हैं, लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को क्षतिग्रस्त किया जाना तथा सामान्य जनजीवन को बाधित करना हमारी प्रकृति का हिस्सा कभी नहीं रहा है…’ माना जा रहा है कि पीएम मोदी ने अपने इन बयानों से साफ संदेश दिया है कि कानून को लेकर सरकार की पीछे हटने की कोई मंशा नहीं है. उनका साफ कहना है कि इसे संसद के दोनों संसदों ने पास किया जहां इसे अच्छा-खासा समर्थन मिला है. दूसरी ओर दिल्ली पुलिस की ओर से गृहमंत्रालय की ओर से जो रिपोर्ट दी गई है उसमें भी इस हिंसा और आगजनी के पीछे विपक्ष का ही हाथ बताया गया है. दिल्ली पुलिस से मिली पर रिपोर्ट के आधार पर गृहमंत्रालय के अधिकारियों ने दी ऑफ द रिकॉर्ड बताया है कि स्थानीय युवकों और जामिया  के छात्रों को विपक्षी नेताओं ने भड़काया है. इसमें एक रिसर्च छात्र का भी नाम सामने आ रहा है जो दिल्ली विधानसभा में टिकट पाने की कोशिश कर रहा है|

यह छात्र मूल रूप से बिहार के सीवान जिले का है. वह इस समय दिल्ली आरजेडी यूथ विंग का अध्यक्ष भी है और अभी जामिया का छात्र है. पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया है कि कैंपस की कोई बाउंड्री नहीं है. बाहरी लोग कैंपस के अंदर घुसे पत्थर फेंकने लगे. इसके बाद पुलिस के पास कोई और चारा नहीं था, उसे आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा.