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UP : माघ पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी

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माघी पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। संगम क्षेत्र में वास कर रहे संत-महात्माओं और कल्पवासियों के अलावा दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने स्नान दान किया। इसी के साथ माघ मेला में एक माह का कल्पवास भी पूरा हुआ। वहीं, तीर्थ नगरी बृजघाट में रविवार की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में हर हर गंगे के उद्घोषों के साथ करीब पांच लाख श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान करने के बाद गरीब असहाय लोगों को भोजन कराकर दान दिया। श्रद्धालुओं ने तीर्थ नगरी के वेदांत मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, अमृतपरिसर मंदिर, हनुमान मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों के दर्शन कर शुख शांति की कामना की।

माघी पूर्णिमा का मुहूर्त शनिवार से ही शुरू हो गया था लेकिन उदयातिथि के कारण इसका मान रविवार को ही रहा। इसलिए भोर से ही संगम तट पर लोग जुटने लगे थे। श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और संत-महात्माओं ने संगम में स्नान कर गंगा की आरती की और सूर्य को जल चढ़ाया। सबने कल्पवास सकुशल संपन्न होने पर खुशी जताई और यथाशक्ति दान दक्षिणा अर्पित की। धूप खिलने के कारण पूरे दिन स्नान करने वालों का जत्था संगम तट पर पहुंचता रहा। लोगों ने मेले में खूब खरीदारी की और घरों की ओर लौट चले।

बृजघाट में शनिवार की देर रात्रि से ही कई राज्यों के श्रद्धालुओं पहुंचे
शनिवार की देर रात्रि से ही हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजिस्थान सहित कई राज्यों से श्रद्धालुओं का आवागमन शुरु हो गया। श्रद्धालुओं के आवगनम से धर्मशाला तथा आरती प्लेटफार्म खचाखच भर गए, जिससे तीर्थ नगरी की रौनक बढ़ गई। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने तीर्थ नगरी के वेदांत मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, अमृतपरिसर मंदिर, हनुमान मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों के दर्शन कर शुख शांति की कामना की।

प्रशासन ने किए कड़े इंतजाम
प्रशासन की ओर माघी पूर्णिमा पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। भूले भटके शिविर के जरिए अपनों से बिछड़े लोगों को मिलवाया गया। ट्रेनों और बसों का अतिरिक्त संचालन किया गया। स्वयंसेवी संस्थाओं ने स्नानार्थियों के लिए जगह-जगह भंडारे का इंतजाम किया था। माघ मेला का औपचारिक समापन महाशिवरात्रि स्नान के साथ होगा।

माघ पूर्णिमा का महत्व
धार्मिक शास्त्रों में माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है। तीर्थ पुरोहित सिद्धार्थ भारद्वाज, अमित शुक्ला, कुलदीप शर्मा, संजीव शास्त्री ने बताया कि माघ पूर्णिमा के दिन तीर्थ में स्नान व दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है ओर मोक्ष प्राप्ति के लिए इस दिन का बहुत महत्व होता है।