प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल (आभासी) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। सम्मेलन में दोनों नेता द्वीपक्षीय रणनीतिक संबंधों को और ज्यादा मजबूत बनाने और कोविड-19 महामारी से निपटने के मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के लिए तारीखों को अंतिम रूप दिया गया था लेकिन यह यात्रा नहीं हो सकी। ऐसे में भारत-आस्ट्रेलिया आभासी शिखर सम्मेलन आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की गई।’
मंत्रालय के अनुसार, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार जून 2020 को आस्ट्रेलिया के अपने समकक्ष स्कॉट मॉरिसन के साथ भारत-आस्ट्रेलिया आभासी शिखर सम्मेलन आयोजित करेंगे।’ यह पहला अवसर है जब प्रधानमंत्री मोदी आभासी माध्यम से द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं जो आस्ट्रेलिया के साथ भारत के संबंधों की मजबूती और इनमें उत्त्तरोत्तर विकास को दर्शाता है ।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, ‘दो लोकतांत्रिक देश होने के नाते भारत और आस्ट्रेलिया ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर एक दूसरे के प्रति समझ विकसित की है। स्वतंत्र, मुक्त, समावेशी और समृद्ध हिंद प्रशांत को लेकर हमारा साझा रूख है।’ बयान के अनुसार, दोनों प्रधानमंत्रियों ने इससे पहले 6 अप्रैल 2020 को टेलीफोन पर बातचीत की थी और कोविड-19 तथा एक दूसरे के देशों में फंसे नागरिकों की सुविधा के विषय पर चर्चा की थी। तब प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने आस्ट्रेलियाई समाज में भारतीय समुदाय खासकर भारतीय छात्रों के महत्व के बारे में बात की थी।
मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं के बीच आयोजित होने वाला आभासी शिखर सम्मेलन ऐसा अवसर होगा जब दोनों पक्ष भारत और आस्ट्रेलिया के प्रगाढ़ होते संबंधों तथा उनके विविध आयामों की समीक्षा करेंगे और कोविड-19 महामारी को लेकर अपने-अपने देशों की प्रतिक्रिया के बारे में चर्चा करेंगे।
इसमें कहा गया है कि आस्ट्रेलिया ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, भारत प्रशांत महासागर पहल (आईपीओआई) जैसी कई वैश्चिक गतिविधियों में भारत का समर्थन किया है। आस्ट्रेलिया विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करता है। साथ ही उसने पिछले समय में वासेनार समूह और आस्ट्रेलिया ग्रुप में भारत की सदस्यता का समर्थन किया था। उसने एनएसजी में भी भारत की सदस्यता का पक्ष लिया था।
मंत्रालय के अनुसार, भारत और आस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक संबंध बढ़ रहे हैं। 2018-19 में दोनों देशों के बीच कारोबार 21 अरब डॉलर था। दोनों देश कारोबार और निवेश बढ़ाने को लेकर आशन्वित हैं।