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ड्रैगन को उसी की भाषा में मिलेगा जवाब, किसी भी मोर्चे पर नहीं झुकेगा भारत

व्यापार, कूटनीति और सैन्य आक्रामकता किसी भी मोर्चे पर भारत चीन से नही झुकेगा। चीन को हर मोर्चे पर उसी की भाषा मे जवाब देने की तैयारी की गई है। कूटनीतिक स्तर पर ताइवान और हांगकांग में फंसा चीन भारत से ‘वन चाइना पॉलिसी’ पर ठोस आश्वासन चाहता है। ताइवान के मुद्दे पर अमेरिकी रुख को भारत का परोक्ष समर्थन चीन को नागवार लगा है। लेकिन भारत ने स्पष्ट संकेत दिया है कि अगर चीन को भारत की संवेदनशीलता का भी ध्यान रखना चाहिए।

सत्ताधारी दल के दो सांसदों के ताईवान राष्ट्रपति के शपथ समारोह में शामिल होने पर भी चीन ने आपत्ति जताई थी। मीनाक्षी लेखी और राहुल कासवान ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन के शपथ ग्रहण समारोह में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए थे।

दिल्ली में चीनी दूतावास के काउंसलर लियू बिंग ने समारोह में भारत की भागीदारी के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। इसके लिए उन्होंने सांसद लेखी और कासवान के सामने लिखित शिकायत भी दी, जिसमें उन्होंने दोनों सांसदों की तरफ से दिए गए बधाई संदेश को गलत बताया है

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 पर्दे के पीछे स्थिति सामान्य करने की कोशिश हो रही है। लेकिन भारत ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह अपना कदम पीछे नही खींचेगा। सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच करीब 20 दिन तक चले गतिरोध के मद्देनजर भारतीय सेना ने उत्तर सिक्किम, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में संवेदनशील सीमावर्ती इलाकों में अपनी मौजूदगी उल्लेखनीय ढंग से बढ़ाई है और यह संदेश दिया है कि भारत चीन के किसी भी आक्रामक सैन्य रुख के आगे रुकने वाला नहीं है।