उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने प्रदेश के 14 बिल्डरों पर 1.93 करोड रुपए का जुर्माना लगाया है। यूपी रेरा की शुक्रवार को हुई बोर्ड बैठक में इन पर जुर्माना लगाने का निर्णय हुआ। बोर्ड बैठक चेयरमैन राजीव कुमार की अध्यक्षता में हुई। बिल्डरों को 30 दिन के भीतर जुर्माने की रकम डिमांड ड्राफ्ट के जरिए जमा करानी होगी। इससे पहले 10 और बिल्डरों पर यूपी रेरा जुर्माना लगा चुका है।
उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी की बोर्ड बैठक शुक्रवार को हुई। बैठक में सदस्य बलविंदर कुमार, भानु प्रताप सिंह तथा कल्पना मिश्रा सहित कई अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में बिल्डरों के मामलों का परीक्षण किया गया। जिसमें पता चला कि 14 और ऐसे बिल्डर हैं जो रेरा का आदेश नहीं मान रहे हैं। यह न तो आवंटियों को उनके मकान का कब्जा दे रहे हैं और न ही उनके पैसे वापस कर रहे हैं। ऐसे में बोर्ड ने इन पर भी जुर्माना लगाने का आदेश पारित किया। इन बिल्डरों पर कुल 1.93 करोड रुपए जुर्माना लगाया गया है।
किस बिल्डर पर कितना लगा जुर्माना
पार्थ इंफ्राबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड पर 35,77,860, रेडिकान इंफ्रास्ट्रक्चर पर 23,26,760, आईवीआर प्राइम डेवलपर्स पर 19,14,660, लाजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर पर 10,74,850, हर्षा एसोसिएट पर 15,25,400, पार्श्वनाथ डेवलपर्स पर 10,39,440, ग्रीन बे इंफ्रास्ट्रक्चर पर 6,23,220, ग्रीन व्यू सहकारी आवास समिति पर 14,59,260, क्वालिटी टाउनशिप पर 5,66,365, रूद्र बिल्डवेल प्रोजेक्ट पर 11,64,240, बुलेंड बिल्डेटेक पर 6,08,950, किंडल इंफ्राहाइट्स पर 9,41,535, जेएसएस बिल्डकॉन पर 17,54,055, सुपर टेक पर 7,64,940 रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
इन 10 पर पहले लगा था जुर्माना
पार्थ इंफ्राबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड पर 1,73,41,860 लखनऊ विकास प्राधिकरण पर 57,14,690, न्यूटेक प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स पर 46,13,735, सुपर टेक प्राइवेट लिमिटेड पर 42,03,105, तुलसियानी कंस्ट्रक्शंस पर 30,19,510, अंतरिक्ष रीयलटेक प्राइवेट लिमिटेड पर 27,10,461, रेडीकान इंफ्रास्ट्रक्चर एंड हाउसिंग पर 23,26,760, आईवीआर प्राइम डेवलपर्स पर 19,14,660, जीएसएस बिल्डकॉन पर 17,54,055 तथा मेसर्स पार्श्वनाथ डेवलपर्स पर 16,44,300 रुपए का जुर्माना लगाया गया था।
जिन बिल्डरों पर जुर्माना लगाया गया है उन्हें 30 दिनों के भीतर डिमांड ड्राफ्ट से रेरा के खाते में पैसा जमा कराना होगा। न जमा कराने पर आरसी जारी कर इसकी रिकवरी कराई जाएगी। लखनऊ के दो बिल्डरों के खिलाफ 1,47,25,836 की आरसी जारी कर दी गई है। आदेश न मानने वाले बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। आदेश का पूर्णरूपेण अनुपालन सुनिश्चित करने तक बिल्डरों पर दैनिक दर पर अर्थदंड में वृद्धि होती रहेगी।