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यूपी : शहरों में अवैध कालोनी बसाना बिल्डरों को पड़ेगा भारी

आवास विभाग शहरों में अवैध कालोनियों की बढ़ती संख्या पर रोके लगाने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाकर इसे लागू करने जा रहा है। कालोनी बनाने के बाद सड़क, नाली व अन्य जरूरी मूलभूत सुविधाएं न देने वाले बिल्डरों की संपत्तियां जब्त करने की योजना तैयार की जा रही है, जिससे इसे बेंचकर मिलने वाले पैसे से कालोनियों के विकास कराया जा सके। इसके बाद शहरों में अवैध कालोनी बसाना बिल्डरों को भारी पड़ेगा।

शहरों में आबादी बढ़ने के साथ ही अवैध कालोनियों की संख्या में भी तेजी से बढ़ी है। बिल्डर और प्रापर्टी डीलर छोटी-छोटी कालोनियां बसा देते हैं और इसका लेआउट तक नहीं पास कराते हैं। इसके चलते बिल्डर ऐसे कालोनियों में जरूरी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं देते हैं। लेआउट पास कराने के लिए मूलभूत सुविधाएं देने की अनिवार्यता होती है। इसका खामियाजा कालोनियों में रहने वालों के साथ सरकारी संस्थाओं को भोगना पड़ता है। इसीलिए ऐसी कालोनियों पर सख्ती से रोक लगाने पर विचार चल रहा है।

इसके लिए अनधिकृत कालोनियों के विकास निर्माण के लिए मुख्यरूप से दोषी संबंधित बिल्डरों को चिह्नित कर उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। अवैध कालोनियों के निर्माण को रोकने के लिए डीएम व विकास प्राधिकरण को उपाध्यक्ष सामूहिक जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके साथ ही विकास प्राधिकरण के अभियंताओं और कर्मियों की जवाबदेही भी तय होगी।

आवास विभाग का मानना है कि अवैध कालोनियों को बसने से पहले रोकने से आवंटियों को तो राहत मिलेगी ही साथ में विकास प्राधिकरणों को कालोनियों का प्लान पास कराने के एवज में पैसा मिलेगा। सूत्रों का कहना है कि आवास विभाग इस पर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्षों से राय लेने के बाद अंतिम निर्णय करेगा, जिससे भविष्य में इस तरह की कालोनियों के निर्माण पर कड़ाई से रोक लग सके।