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विकास दुबे केस: सीसीटीवी कैमरे में कैद गुई थी विकास गिरोह की करतूत, भिंड से मिली सेमीऑटोमेटिक राइफल

कानपुर के बिकरू में 2-3 जुलाई की दरम्यानी रात को दहशतगर्द विकास दुबे ने जिस सेमी ऑटोमैटिक राइफल से पुलिसकर्मियों पर गोलियां दागीं थीं वह शनिवार रात को मध्यप्रदेश के भिंड से पुलिस ने बरामद कर ली है. पुलिस ने डबल बैरल बंदूक बरामद करके दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा पुलिसकर्मियों की हत्या सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी.

भले ही उन सीसीटीवी कैमरों का डीबीआर पुलिस को न मिला हो मगर अभी भी घटना की फुटेज पुलिस तक पहुंचने की पूरी संभावना बनी हुई है. उसका कारण भी है. विकास के घर पर बाहर की तरफ लगे दो सीसीटीवी कैमरे उसके मोबाइल से भी सिंक्रोनाइज थे. जिससे वह मोबाइल फोन की मेमोरी में फुटेज कैद हुई होगी. 

एसटीएफ ने हाल में विकास दुबे के मददगारों को गिरफ्तार कर सेमीऑटोमेटिक राइफल समेत असलहों का जखीरा बरामद किया था. आरोपितों की गिरफ्तार के बाद गहनता से पूछताछ की गई थी. तब एक और तथ्य का खुलासा हुआ. आरोपितों ने एसटीएफ को जानकारी दी कि विकास के घर में एक दर्जन कैमरे लगे हुए थे. इनमें से दो कैमरे गेट के बाहर थे. इन कैमरों का कनेक्शन उसने अपने मोबाइल पर भी ले रखा था.

इसपर अधिकारियों ने आरोपितों से पूछा भी कि उसने सिर्फ दो ही कैमरे मोबाइल पर क्यों ले रखे थे. आरोपितों ने जानकारी दी कि फोन की मेमोरी इतने सारे कैमरों की फुटेज से कम हो जाती. इस कारण विकास ने दो मेन कैमरों का कनेक्शन मोबाइल पर लिया था ताकि आने जाने वालों के बारे में उसे जानकारी मिलती रहे और घर के बाहर क्या हो रहा है यह उसे पता रहे.

फोन खुलने के साथ रिकवर होगी फुटेज 
विकास, अमर और प्रभात के मोबाइल फोन को फोरेंसिक स्क्रीनिंग के लिए भेजा गया है. मोबाइल फोन खुलने के साथ ही उसमें दो कैमरों का फुटेज रिकवर हो जाएगा. घटना विकास के घर के बाहर से शुरू हुई थी और आठ में से तीन पुलिसकर्मी मनु पांडेय के घर के बाहर मारे गए थे. उसका घर विकास के घर के सामने है. इस बात की पूरी संभावनाएं हैं कि गोलियां चलने से लेकर पुलिसकर्मियों की हत्या की फुटेज कैमरे में कैद हुई होगी. ऐसा होने की दशा में यह इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के रूप में सबसे मजबूत कड़ी साबित होगी. 

भिंड में बिके असलाहों की पहली कड़ी तक पहुंची एसटीएफ
एसटीएफ ने भिंड से तीन संदिग्धों को उठाकर पूछताछ शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक विकास दुबे और उसके गिरोह द्वारा इस्तेमाल किए गए छोटे असलहों की तीन से चार बार खरीद फरोख्त हो चुकी है. भिंड से जो लोग उठाए गए हैं. वह इसकी पहली कड़ी माने जा रहे हैं. एसटीएफ असलहों के करीब है और जल्द ही बाकी असलहे भी बरामद कर लेगी.