उत्तर प्रदेश के कानपुर में नाबालिग लड़की के साथ दरिंदगी की घटना में लापरवाही बरतने चार दारोगाओं को डीआईजी ने निलंबित कर दिया है। सभी पर अलग-अलग लापरवाही का आरोप है। बता दें कि सोमवार की रात सजेती क्षेत्र के एक गांव में 13 वर्षीय लड़की के साथ गांव के ही दो लड़कों ने गैंगरेप किया था। पुलिस ने मंगलवार शाम को मुकदमा दर्ज किया। मेडिकल के नाम पर पीड़िता, उसकी मां, पिता और एक अन्य को रातभर सजेती, घाटमपुर और जिला मुख्यालय के चक्कर लगाती रही।
बुधवार सुबह पुलिस कस्टडी में रहे गैंगरेप पीड़िता के पिता की ट्रक से कुचकल मौत हो गई तो भूचाल आ गया। घटना के विरोध में गांव के लोगों ने कानपुर-सागर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आनूपुर मोड़ के पास जाम लगा दिया। असल में बुधवार सुबह पुलिस अफसर सक्रिय हुए। बात शासन तक पहुंची। मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लेते हुए प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही पीड़ित परिवार को पांच लाख मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष और पांच लाख कृषक दुर्घटना बीमा के तहत देने की घोषणा की गई। साथ ही जमीन का पट्टा देने का भी आश्वासन दिया गया। इसके बाद जाम समाप्त हो सका।
हिन्दुस्तान न्यूज पेपर ने गैंगरेप पीड़िता के पिता को दुर्घटना के बाद चंद कदम पर सीएचसी में दिखाने के बजाय 50 किलोमीटर दूर हैलट अस्पताल ले जाने की रिपोर्ट प्रकाशित की। पुलिस ने दावा किया था कि हैलट में उसकी मौत हो गई। दुर्घटना के से पहले उसे सीएचसी में दिखाया जाना था। लेकिन पुलिस उसे लेकर जिला मुख्यालय चली आई। इसे लापरवाही मानते हुए घाटमपुर कस्बा चौकी प्रभारी निंलबित किए गए। गैंगरेप पीड़िता से अश्लील सवाल करने के आरोपी दारोगा और सजेती थाने में तैनात उस दारोगा को भी निलंबित कर दिया गया जिसके क्षेत्र में घटना हुई थी। डीआईजी ने उस दारोगा को भी निलंबित किया जिसकी कस्टडी में गैंगरेप पीड़िता और उसका परिवार 21 घंटे तक घूमता रहा।
लापरवाही बरतने के आरोप में डीआईजी ने चार दारोगाओं को निलंबित कर दिया है। घटना में इनकी लापरवाही की जांच की जा रही है।