कोविड वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने के लिए अब फर्जीवाड़ा शुरू हो गया है। ऐसे लोगों को भी वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है जो टीका लगवाने गए ही नहीं। कई जिलों में ऐसी शिकायत मिली है और बुधवार को यहां भी ऐसा मामला पकड़ा गया है। महज रजिस्ट्रेशन कराने वालों का भी वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी कर दिया गया है। पूरा मामला जानकारी में आने के बाद जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने मामले की जांच और कार्रवाई की बात कही है।
भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिला महामंत्री शैलेंद्र कुमार पाल ने कोविड टीकाकरण के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था। उनको बुधवार को जिला अस्पताल में वैक्सीन लगवाने का समय मिला था। किसी कारण से वह सेंटर नहीं गए तो उन्होंने ऑनलाइन ही 18 मार्च को टीकाकरण का समय ले लिया। लेकिन शाम को जब उनके मोबाइल पर वैक्सीनेशन सफलतापूर्वक होने का मैसेज आया तो वह चौंक गए। मैसेज में लिखा था कि ऑनलाइन वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट भी ले सकते हैं। उन्होंने ऑनलाइन चेक किया तो वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट भी था। उसमें लिखा था कि उनको वैक्सीन शकुंतला नामक स्वास्थ्यकर्मी ने लगाई है। इतना ही नहीं, टीकाकरण की अगली तारीख भी दी थी।
–
यह बेहद गंभीर मामला है। अगर बिना टीकाकरण वैक्सीनेशन अपडेट किया गया है तो मामले की जांच कराई जाएगी। साथ ही जिसने भी ऐसा किया है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। – डा. आरएन सिंह, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी
30 प्रतिशत हुआ वैक्सीनेशन
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बुधवार को सरकारी और निजी अस्पतालों में वैक्सीनेशन का आयोजन किया गया। कुल 8500 लोगों को वैक्सीन लगाने की व्यवस्था की गई थी और 2506 लोगों ने वैक्सीन लगवाई। इसमें 1020 बुजुर्ग शामिल रहे। करीब 29.48 प्रतिशत वैक्सीनेशन हुआ।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. आरएन सिंह ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में सरकारी अस्पताल में 27.30 प्रतिशत वैक्सीनेशन हुआ और 709 बुजुर्गों समेत 1573 लोगों ने टीका लगवाया। शहर के सरकारी अस्पतालों में 52.02 फीसदी टीकाकरण हुआ और 437 लोगों ने वैक्सीन लगवाई। इसमें 158 बुजुर्ग शामिल हैं। वहीं प्राइवेट अस्पतालों में 16.47 प्रतिशत वैक्सीनेशन हुआ और सिर्फ 313 लोगों ने टीका लगवाया।