कोरोना के खौफ को देखते हुए होली में पिचकारी से लेकर गुलाल का मार्केट भले ही कुछ मंदा हो लेकिन अच्छी बात यह है कि इस बार ‘मेड इन चाइना’ पूरी तरह आउट है। कारोबारियों ने दिल्ली से मेड इन इंडिया पिचकारी ही खरीदी है। गोरखपुर और आसपास के इलाकों में करीब दो करोड़ की देशी पिचकारी बिकने की उम्मीद है।
पिछले साल तक होली के मार्केट पर चीन का कब्जा था। भले ही कारोबारी पिचकारी को इंडियन बता कर बेच रहे थे लेकिन हकीकत में यह चीन निर्मित ही था। साहबगंज के थोक कारोबारी अफरोज स्वीकारते हैं कि पिछले वर्ष कोरोना के दस्तक से पहले ही चीनी पिचकारी मार्केट में आ गई थी। हालांकि पिछली बार भी मेड इन इंडिया पिचकारी की मजबूत दस्तक थी। चीनी और इंडियन उत्पाद की भागीदारी फिफ्टी-फिफ्टी थी। इस बार चीन से माल नहीं आया है। पांडेयहाता में पिचकारी के थोक विक्रेता शिवम और मनीष पटवा बताते हैं कि इस बार मार्केट में सिर्फ मेड इन इंडिया पिचकारी ही है। हालांकि कीमतों में 20 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी है। यह बढ़ोतरी प्लास्टिक की कीमत और माल भाड़ा से प्रभावित है।
2 करोड़ से अधिक कीमत की पिचकारी पहुंची : गोरखपुर में करीब 100 कारोबारी थोक का कारोबार करते हैं। शिवम बताते हैं कि करीब तीप लाख रुपये कीमत की पिचकारी मंगाई है। अभी आधी भी नहीं बिकी है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण औह महंगाई का साफ असर मार्केट पर दिख रहा है। वहीं फुटकर कारोबारी बुचुन मौर्या कहते हैं कि दिल्ली से करीब एक लाख कीमत की पिचकारी, मास्क और नकली बाल खरीदा है। एक पिचकारी की कीमत 20 से लेकर 500 रुपये तक है। अभी 20 फीसदी भी नहीं बिका है। माल फंसने का पूरा अंदेशा है।
राजनेताओं की लोकप्रियता भुनाने की कोशिश
संकट में फंसा बाजार पीएम मोदी, सीएम योगी समेत ममता बनर्जी की लोकप्रियता को भुनाने की कोशिश में दिख रहा है। नरेंद्र मोदी व ममता के नाम से भी बाजार में गुलाल आ गया है। वहीं मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के नाम की पिचकारी खूब बिक रही। गुलाल के पैकेट पर मोदी व ममता की तस्वीर लगी है। बाजार में सर्वाधिक तादाद बच्चों व युवकों की देखी जा रही है। बच्चों में बाहुबली, स्पाइडरमैन और मोटू-पतलू पिचकारी की मांग है। बच्चों को रंगीन गुब्बारे भी भा रहे हैं। स्पाइडरमैन, वीडियो गेम्स की बंदूक पिचकारी बच्चों को खूब भा रही हैं। घंटाघर में बच्चों के लिए पिचकारी खरीद रहे सूरज भारती ने बताया कि बच्चों की मस्ती को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। त्योहार में महंगाई की फिक्र करेंगे तो बच्चे नाराज हो जाएंगे।