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बरेलीः क्यारा का इलाज ऐसे..! घर-घर पहुंची धमकी कोरोना बताया तो महीने भर करेंगे क्वारंटीन

गांव के लोगों ने डीएम से की शिकायत, स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों की शह पर धमका रही है आशा वर्कर
बरेली। बीस से भी ज्यादा लोगों की मौत के बाद अब क्यारा गांव में स्वास्थ्य विभाग की ओर से घर-घर धमकी दी जा रही है। गांव के लोगों ने डीएम से शिकायत की है कि स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों की शह पर आशा वर्कर घर-घर जाकर लोगों को धमका रही है कि अगर किसी ने भी कोरोना होने का दावा किया तो उसे परिवार समेत महीने भर के लिए क्वारंटीन करा दिया जाएगा। गांव के लोगों ने इस बात पर पीड़ा भी जताई है कि पूरे गांव में हाहाकार जैसे हालात होने के बावजूद बीमार लोगों का इलाज कराने को तो पहल की नहीं की गई, ऊपर से अब सच छिपाने की कोशिश की जा रही है।
डीएम को लिखी चिट्ठी में गांव के लोगों ने कहा है कि आशा वर्कर हाल ही में मरने वालों के घर जाकर दबाव बना रही है कि वे किसी भी जांच या पूछताछ में मौतों की वजह कोरोना न बताएं। उनसे यह भी लिखकर देने को कहा जा रहा है कि उनके परिवार के लोगों की मौत स्वाभाविक तौर पर हुई थी। जो लोग बीमार पड़े हैं, उनसे भी यही कहा जा रहा है। गांव वालों का कहना है कि आशा वर्कर उच्चाधिकारियों के आदेश का हवाला देकर यह भी धमकी दे रही है कि अगर किसी ने कोरोना का नाम लिया तो उसे महीने भर के लिए क्वारंटीन करा दिया जाएगा और बांस-बल्ली लगाकर रास्ता भी बंद कर दिया जाएगा।

पूर्व प्रधान सर्वेश्वर पाल सिंह ने बताया कि गांव में पंचायत चुनाव के बाद ही 13 लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोगों की मौत इससे पहले हुई थी। नजदीकी मजरों में भी अचानक बीमार होकर दम तोड़ने का सिलसिला अब तक जारी है। सरकारी अमला गांवों में हो रही मौतों को रोकने के बजाय कोरोना से मौत होने की बात को खारिज करने पर तुला है। ग्रामीणों के मुताबिक अब भी अस्पतालों से छुट्टी के बाद कई लोग घरों में क्वारंटीन हैं। कई का घरों पर इलाज चल रहा है। सर्वेश्वर पाल सिंह के अलावा चिट्ठी पर गांव भोलेनाथ, पुष्पेंद्र सिंह, कमल सिंह, प्रशांत मिश्रा और पूजा सिंह समेत कई लोगों के हस्ताक्षर हैं।
गांव वालों ने कहा- सर्विलांस अफसर के झूठ की सीएम से शिकायत करेंगे
पूर्व प्रधान सर्वेश्वर पाल सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. रंजन गौतम के उस बयान पर भी सख्त एतराज जताया है जिसमें उन्होंने मुआवजे के लिए गांव में कोरोना से मौतों की अफवाह फैलाने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगे कि दुख झेल रहे ग्रामीणों के साथ संवेदना से काम लेने के बजाय किस तरह उनकी भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है। सर्विलांस अफसर को बताना चाहिए कि किस ग्रामीण ने मुआवजे की मांग की है। दो मामलों में तो स्वास्थ्य विभाग ही कोरोना से मौत की पुष्टि कर चुका है। मौतों को छिपाने के लिए हवाई बयानबाजी करने के बजाय उसे बाकी मामलों में भी जांच करानी चाहिए।
हमारे परिजनों को छीन लिया कोरोना ने, सबूत हमारे पास
गांव में रहने वाले अनिल कुमार सिंह और उमा देवी की जांच रिपोर्ट क्यारा सीएचसी पर हुई जांच में निगेटिव बताई गई थी। हालत खराब होने पर उन्हें शहर लाकर दोबारा जांच कराई गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। दोनों का ऑक्सीजन स्तर भी काफी गिरा हुआ था। संक्रमण से जूझते हुए दोनों की मौत हो गई। अब जब स्वास्थ्य विभाग गांव में कोरोना से एक भी मौत होने की बात नकार रहा है तो इन लोगों के परिवार के लोग सामने आ गए हैं। अनिल सिंह की पत्नी पूजा और उमा देवी के बेटे अनिल कुमार ने बताया कि उनके परिवार के सदस्यों की मौत कोरोना से हुई, इसका प्रमाण भी उनके पास है। उन्हें कोई मुआवजा नहीं चाहिए लेकिन प्रशासन को सच्चाई स्वीकार करके गांव में ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए ताकि किसी और की मौत न हो।
हरकत में आई सरकारी मशीनरी सफाई कराने पहुंचे डीपीआरओ
बरेली। कोरोना से कोई मौत न होने का दावा करने के बावजूद अमर उजाला में खबर छपने के बाद रविवार सरकारी मशीनरी कुछ सक्रिय हुई। कई अफसरों के साथ गांव पहुंचे डीपीआरओ ने यहां सफाई अभियान चलवाया। डीपीआरओ के गांव पहुंचने के बाद कभी दिखाई न देने वाले सफाईकर्मी भी पहुंचे। दूसरे गांव के कई सफाईकर्मियों को भी बुलाया गया। स्कूल और पंचायत भवन के आसपास पड़े घूरों को पलटवा दिया गया। गांव में सफाई कराने के साथ सैनिटाइजेशन भी कराया गया। दो जगह कैंप लगाकर गांव के लोगों की जांच भी कराई गई।
महिलाओं ने नए ग्राम प्रधान पर जताया गुस्सा
सफाई अभियान के दौरान नए प्रधान कृष्णपाल भी पूरे समय मौजूद रहे। गांव की महिलाओं ने उन पर नाराजगी जताई कि उन्हें पहले ही सफाई करानी चाहिए थी। प्रधान का कहना था कि अब तक उन्होंने शपथ भी नहीं ली है। वह पूरे जीजान से गांव की व्यवस्था ठीक कराएंगे। अधिकारियों से भी संपर्क करेंगे। गांव के शिक्षामित्र दुष्यंत चौहान काफी समय से गंदगी को लेकर अधिकारियों को ट्वीट कर रहे थे और बीडीओ से शिकायत कर चुके थे। उन्होंने अभियान चलने पर संतोष जताया।