प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार करने वाले वाणिज्यकर अधिकारियों के खिलाफ़ बड़ी कार्रवाई की है। मथुरा के चांदी के व्यापारी प्रदीप कुमार अग्रवाल से 43 लाख रुपये छीनने के प्रकरण में वाणिज्य कर विभाग के दो और बड़े अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें एडीशनल कमिश्नर ग्रेड-दो (एसआईबी) डीएन सिंह व ज्वांइट कमिश्नर (एसआईबी) अभिषेक श्रीवास्तव शामिल हैं। अपर मुख्य सचिव वाणिज्य कर संजीव मितल ने मंगलवार को दोनों अधिकारियों के निलंबन का आदेश जारी कर दिया है। बता दें कि इस प्रकरण में पहले भी चार लोगों को निलंबित किया जा चुका है।
आगरा सचल दल इकाई पर जांच के दौरान व्यापारी प्रदीप कुमार से 43 लाख रुपये छीने जाने का आरोप है। व्यापारी की शिकायत पर आगरा के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 ने मामले की प्रारंभिक जांच की थी। जिमसें प्रथम दृष्टया शिकायत सही पाए जाने पर सचल दल सप्तम इकाई में तैनात असिस्टेंट कमिश्नर अजय कुमार और षष्ठम इकाई के वाणिज्य कर अधिकारी शैलेंद्र कुमार के अलावा सिपाही संजीव कुमार और गाड़ी चालक दिनेश कुमार को निलंबित कर दिया गया था। साथ ही चारो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके बाद अजय कुमार को आगरा से हटाकर मिर्जापुर और शैलेंद्र कुमार को बांदा से संबद्ध कर गया था।
इसी कड़ी में अपर मुख्य सचिव वाणिज्य कर ने दो और वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। निलंबित किये गए एडीशनल कमिश्नर ग्रेड-दो एसआईवी वाणिज्य कर आगरा डीएन सिंह पर आरोप है कि उन्होंने अपने अधीन कार्यरत तत्कालीन असिस्टेंट कमिश्नर को मनमानी करने की छूट दी। इससे विभाग की छवि धूमिल हुई। इसलिए उन्हें निलंबत करते हुए एडीशनल कमिश्नर ग्रेड-एक वाणिज्य कर उच्च न्यायालय कार्य प्रयागराज से संबद्ध किया गया है।
इसी प्रकार ज्वाइंट कमिश्नर एसआईबी अभिषेक श्रीवास्तव को भी पर्यवेक्षणीय अधिकारी के रूप में अपने दायित्वों का सम्यक निर्वहन ठीक से नहीं करने के आरोप में निलंबित किया गया है। दोनों अधिकारियों के खिलाफ अपर आयुक्त प्रदीप कुमार वाराणसी को जांच अधिकारी नामित किया गया है। अभिषेक निलंबन अवधि में वाणिज्य कर कार्यालय गाजियाबाद से संबद्ध रहेंगे।