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मेरठ : ब्लैक फंगस के 13 मरीज मिले, 150 के पार पहुंची संख्या, दो की मौत, कोरोनो के 187 नए मामले

मेरठ में ब्लैक फंगस और कोरोना ने बुधवार को 17 जिंदगियों को लील लिया। वहीं ब्लैक फंगस के 13 और कोरोना के 187 नए मरीज मिले हैं। अब तक ब्लैक फंगस 150 मरीज मिल चुके हैं। 147 अस्पतालों में भर्ती हुए हैं। तीन निजी क्लिनिक पर आए हैं, जो अभी रिकॉर्ड में नहीं हैं। नौ मरीजों की छुट्टी हुई है। 47 की छुट्टी हो चुकी है। 88 एक्टिव केस हैं।

मरीजों में छह मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। एक-एक मरीज आनंद, अपुस्नोवा, जसवंत राय, मेडविन और जेपी हेल्थ केयर अस्पताल में भर्ती हुए। मेडिकल में 69 मरीजों का इलाज चल रहा है। 8 मरीज आनंद अस्पताल में हैं।

न्यूटिमा में तीन, मेरठ किडनी अस्पताल में दो और लोकप्रिय में तीन भर्ती हैं। एक-एक मरीज ऑप्सनोवा, मेडिविन और जसवंत राय अस्पताल में भर्ती हैं। कोरोना के मरीजों में ब्लैक फंगस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। संक्रमित मरीज लगातार मिल रहे हैं।

वहीं कोरोना संक्रमण पहले से कम हुआ है, लेकिन मौतें लगातार हो रही हैं। बुधवार को 15 मरने वालों में 8 मौत मेडिकल में और 7 निजी अस्पताल में हुईं। मृतकों में 12 मेरठ के और बाकी आसपास के जिलों के थे।
8770 सैंपलों की जांच हुई। 4312 एक्टिव केस हैं। इनमें से 724 अस्पतालों में भर्ती हैं, जबकि 2031 होम आइसोलेशन में हैं। अब तक 61901 लोगों को कोरोना की पुष्टि हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण से 703 लोगों की मौत दिखा रहा है। 547 मरीजों की छुट्टी हुई है। अब तक 51280 की छुट्टी हो चुकी है।

गांवों में कोरोना के 40 मरीज मिले
गांवों में बुधवार को 3217 लोगों की जांच की। 40 कोरोना पॉजिटिव निकले। इनमें 13 को एंटीजन में और 27 को आरटीपीसीआर में पुष्टि हुई। 1092 देहात में एक्टिव केस हैं। 390 को मेडिकल किट बांटी गई। 258 गांव हैं, जहां कोरोना के मरीज हैं। 317 गांव हैं जहां कोरोना मरीज नहीं हैं। 26 अप्रैल को पंचायत चुनाव सम्पन्न हुए, तब से मरीज बढ़े हैं।

मेडिकल इमरजेंसी में अब पहले की तरह नॉन कोविड मरीज ही होंगे भर्ती 
मेडिकल कॉलेज में 111 मरीज भर्ती हैं, जबकि 400 बेड हैं। फिलहाल कोविड के 290 बेड खाली हैं, लिहाजा इमरजेंसी को पहले की तरह अब नॉन कोविड मरीज भर्ती होंगे। इमरजेंसी में जो कोविड मरीज थे, उनको भी कोविड ब्लॉक में भर्ती करा दिया गया है। कोरोना ज्यादा फैलने पर इमरजेंसी को भी नॉन कोविड के साथ कोविड मरीजों के लिए भी बेड आरक्षित कर दिया गए थे।