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धर्मांतरण गैंग के बारे में यूपी एटीएस को मिले अहम सुराग, कैसे ब्रेनवॉश कर हिन्दू को बनाया जाता है मुस्लिम

अवैध धर्मांतरण कराने वाले गैंग की एक और महत्वपूर्ण कड़ी एटीएस के हाथ लग गई है। अहमदाबाद में गिरफ्तार मोहम्मद उमर गौतम के सहयोगी सलाहुद्दीन के जरिए एटीएस इस गैंग के हवाला रैकेट का खुलासा कर सकती है। सलाहुद्दीन को लेकर एटीएस की टीम लखनऊ पहुंच गई है। उसे कल कोर्ट में पेश किए जाने की संभावना है। इस बीच कोर्ट ने इस मामले के तीन अन्य अभिुयक्तों इरफान शेख, अब्दुल मन्नान व राहुल भोला की पांच दिनों की रिमांड मंजूर कर दी है। 

एटीएस के विवेचक अनिल कुमार विश्वकर्मा के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लखनऊ तीनों की पांच दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर किया। हालांकि एटीएस ने सात दिनों की रिमांड मांगी थी। कोर्ट ने रिमांड अवधि दो जुलाई सुबह 11 बजे से शुरू होकर सात जुलाई को सुबह 11 बजे तक रहेगी। एटीएस को इरफान शेख से अहम सूचनाएं मिलने की उम्मीद है। मूक बधिर बच्चों का धर्म परिवर्तन कराने में इरफान की महत्वपूर्ण भूमिका का पता चला है। वह ऐसे बच्चों का ब्रेनवॉश करने में माहिर है। इस बीच सलाहुद्दीन से हवाला रैकेट के बारे में अहम जानकारी मिलने की संभावना है। उसने पूर्व में हवाला के जरिए मोहम्मद उमर गौतम को पैसे भी भेजे हैं। इस आधार पर एटीएस को आशंका है कि धर्मांतरण गैंग को हवाला से भी पैसे मिलते रहे हैं। सलाहुद्दीन के कब्जे से मिले आईपैड और मोबाइल फोन की भी फोरेंसिक जांच कराई जाएगी। 

विदेशी फंडिंग और अन्य संदिग्ध स्रोतों से धन हासिल कर अवैध तरीक से धर्मांतरण कराने वाले गैंग के उमर गौतम व काजी जहांगीर आलम भी अब तीन जुलाई तक एटीएस की रिमांड पर हैं। एटीएस ने दोनों को 20 जून को गिरफ्तार किया था। इसके बाद सात दिनों की कस्टडी रिमांड हासिल की थी। बाद में रिमांड अवधि बढ़वाई गई। रिमांड के दौरान पूछताछ में उमर गौतम के पूरे नेटवर्क का पता चला और उससे मिली जानकारी के आधार पर और चार अभियुक्त गिरफ्तार किए गए।