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US इलेक्शन: ट्रम्प की मदद के लिए पुतिन ने सीधे दिए थे ऑर्डर; 5 साल से बदनाम कर रही थीं हिलेरी, इसलिए उनकी हार चाहते थे

वॉशिंगटन. यूएस इंटेलिजेंस ने साफ तौर पर कहा है कि रूसी प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन ने प्रेसिडेंशियल इलेक्शन में डोनाल्ड ट्रम्प की मदद करने को लेकर ऑर्डर पास किया था। इंटेलिजेंस ने नई डिक्लासिफाई फाइल में ये खुलासा किया है। ये बात भी सामने आई है कि पुतिन लंबे वक्त से हिलेरी को नापसंद करते हैं। उनका आरोप है कि क्लिंटन ने उन्हें हटवाने तक की कोशिश की। हालांकि, प्रेसिडेंट-इलेक्ट ट्रम्प ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि हैकिंग ने इलेक्शन पर किसी भी तरह से कोई असर नहीं डाला। बता दें कि बराक ओबामा ने डेमोक्रेट्स के ई-मेल सिस्टम की हैकिंग को लेकर जांच के आदेश दिए थे। इंटेलिजेंस ने 31 पेज की जारी की है रिपोर्ट…
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– डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस ने अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने को लेकर 31 पन्नों की रिपोर्ट जारी की है।
– इसके मुताबिक, “पुतिन ने चुनाव को प्रभावित करने के लिए एक ऑर्डर पास किया था। इसका मकसद प्रेसिडेंशियल इलेक्शन के नतीजों पर असर डालना था।”
– “साथ ही, रूस ये भी चाहता था कि लोगों का अमेरिकी डेमोक्रेटिक प्रॉसेस में भरोसा कम हो और डेमोक्रेटिक पार्टी की कैंडिडेट हिलेरी क्लिंटन की इमेज खराब हो।”
– इंटेलिजेंस ने साफतौर पर कहा, “हमारे पास जो सबूत हैं, उनसे साफ है कि पुतिन और रूस सरकार ने ट्रम्प को तरजीह दी। इसकी जांच को लेकर हमने काफी सावधानी बरती।”
ट्रम्प बोले- रूस, चीन हमारे सिस्टम में सेंध लगा रहे
– ट्रम्प ने कहा, “चीन, रूस समेत कई देश और ग्रुप लगातार गवर्नमेंटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं। वे हमारे बिजनेस और कई ऑर्गनाइजेशन को प्रभावित करना चाहते हैं।”
– “असल बात तो ये है कि चुनाव को न तो किसी तरह से प्रभावित करने की कोशिश की गई और न ही उसपर किसी का असर पड़ा।”
– “रिपब्लिकन नेशनल कमेटी (आरएनसी) को हैक करने की कोशिश हुई थी। हमारा डिफेंस काफी मजबूत है, इसके चलते हैकर्स को कोई कामयाबी नहीं मिली।”
– “मैं एक टीम को अप्वाइंट करूंगा जो 90 दिन में इस बात की रिपोर्ट देगी कि किन तरीकों से अमेरिका को सेफ किया जा सकता है।”
– “दो हफ्ते बाद मुझे शपथ लेनी है। मैं यकीन दिलाता हूं कि अमेरिका की सेफ्टी और सिक्युरिटी हमेशा मेरी प्रायोरिटी रहेगी।”
Q&A में जानें- क्या थी हैकिंग, क्या था मकसद
Q: हिलेरी क्लिंटन को टारगेट क्यों किया गया?
A:पुतिन हमेशा से हिलेरी को नापसंद करते रहे हैं। हिलेरी पर आरोप थे कि उनके विदेश मंत्री रहने के दौरान यूएस-रूस के रिश्तों में तल्खी रही।
– 2011-12 में पुतिन के तीसरी बार प्रेसिडेंट बनने के बाद रूस की सड़कों पर प्रदर्शन हुए। पुतिन को लगा था कि हिलेरी ने प्रदर्शनों के लिए पैसे दिए, ताकि वे उन्हें सत्ता से हटा सकें।
– रूसी मीडिया ने प्रेसिडेंशियल इलेक्शन कैम्पेन के दौरान हिलेरी को जंग भड़काने वाला करार दिया था, जबकि ट्रम्प मीडिया के फेवरेट थे।
– ओबामा के प्रेस सेक्रेटरी जोश अर्नेस्ट ने कहा कि इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में पुतिन के इलेक्शन हैक की बात सामने आई है। वहीं, पुतिन के स्पोक्सपर्सन ने इसे बकवास बताया।
Q: क्या रूस ने पहले भी ऐसा किया था?
A: हां, जर्मन ऑफिशियल्स का कहना है कि पिछले साल रूसी हैकर्स ने पार्लियामेंट की साइट हैक कर ली थी। आरोप है कि इसमें ई-मेल खंगाले गए थे।
– इस बात के भी सबूत हैं कि हैकर्स ने एंजेला मर्केल की क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक पार्टी को टारगेट किया। अफसरों को डर है कि रूस 2017 में होने वाले चुनाव को प्रभावित कर सकता है।
Q: पूरे मामले में अमेरिका क्या करेगा?
A: ओबामा रूस की हैकिंग को चुनौती देने का मन बना चुके हैं। उन्होंने कहा- “जवाब देने के लिए वक्त और जगह हम चुनेंगे।”
– क्रीमिया और पूर्वी यूक्रेन में दखल को लेकर ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन रूस और उसके सहयोगियों पर कई सैंक्शन्स लगा चुका है।