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छह लेन का होगा गंगा एक्सप्रेस-वे, 120 की रफ्तार से दौड़ेंगी गाड़ियां

गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की सचिव समिति की बैठक में एक्सप्रेस-वे योजना का प्रस्तुतिकरण किया गया। जिसमें एक्सप्रेस वे को छह लेन बनाने के साथ ही इसकी डिजाइन स्पीड 120 किमी. प्रति घंटे प्रस्तावित की गई है। यह एक्सप्रेस वे राज्य के 12 जिलों के 519 ग्रामों से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेस वे पर 9 जनसुविधा परिसर भी बनाए जाएंगे। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में परियोजना का प्रस्तुतीकरण किया गया। मुख्य सचिव ने परियोजना को समय से पूरा करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। 

मुख्य सचिव ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना को निर्धारित समयावधि में पूरा करने के लिए तत्परता से कार्यवाही की जाए। परियोजना के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न कार्यों की समय-सारिणी निर्धारित करते हुए उसके अनुसार कार्यवाही तथा प्रगति की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए। गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना का प्रस्तुतीकरण अपर मुख्य सचिव एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीडा अवनीश कुमार अवस्थी ने किया। उन्होंने बताया कि एक्सप्रेस-वे की प्रस्तावित लम्बाई 594 किमी. है। जनपद मेरठ के बिजौली ग्राम के समीप से प्रारंभ होकर जनपद प्रयागराज के जुडापुर दांदू ग्राम तक जाएगा। 

इस एक्सप्रेस-वे से कुल 12 जनपद मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज अच्छादित होंगे। इस परियोजना से 519 ग्राम भी आच्छादित होंगे तथा परियोजना की कुल लागत 36,230 करोड़ रुपये है। एक्सप्रेस-वे की सबसे अधिक लंबाई उन्नाव जिले में 105 किमी. होगी। 

एक्सप्रेस-वे पर शाहजहांपुर में हवाईपट्टी प्रस्तावित
प्रस्तुतीकरण में यह भी बताया गया कि गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण 06 लेन (08 लेन में विस्तारणीय) प्रस्तावित किया गया है। आरओडब्ल्यू की चैड़ाई 120 मी0 तथा डिजायन स्पीड 120 किमी/घंटा प्रस्तावित है।गंगा नदी पर करीब 960 मीटर तथा रामगंगा नदी पर करीब 720 मीटर लम्बाई के दीर्घ सेतु प्रस्तावित हैं। शाहजहांपुर के समीप हवाई पट्टी भी प्रस्तावित की गई है। 

यह भी बताया गया कि परियोजनान्तर्गत पीपीपी (टाल) मोड पर डिजाइन, बिल्ड, फाइनेन्स, आपरेट एंड ट्रांसफर (डीबीएफओटी) पद्धति पर आमंत्रित ईओआई में 11 राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित निवेशकों द्वारा प्रतिभाग किया गया है। परियोजना के लिए 12 पैकेज को 04 ग्रुप (01 ग्रुप में 03 पैकेज) विभाजित करते हुए पीपीपी मोड पर आरएफक्यू/आरएफपी आमंत्रित किए जाने की कार्यवाही की जा रही है।