कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप अब भले ही कम हो गया हो लेकिन कोरोना के नए-नए वेरिएंट देश में खौफ पैदा कर रहे हैं। इसी बीच त्रिपुरा ने दावा किया था कि राज्य में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 138 मामले सामने आए है, जिसे भारत सरकार ने खारिज कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि त्रिपुरा में डेल्टा प्लस वेरिएंट का एक भी मामला नहीं है।
त्रिपुरा सरकार ने कहा था कि राज्य में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 138 मामले मिले हैं लेकिन भारत सरकार ने कहा है कि त्रिपुरा में डेल्टा प्लस वेरिएंट का एक भी मामला नहीं है। राज्य के डॉक्टरों ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में मौजूद राष्ट्रीय संस्थान की रिपोर्ट के हवाले से कहा था कि त्रिपुरा में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 138 मामले पाए गए हैं। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि त्रिपुरा से 152 नमूने जीनोम सिक्वेंसिंग (डब्ल्यूजीएस) के लिए पश्चिम बंगाल के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स में भेजे गए थे, जिनमें डेल्टा प्लस वेरिएंट का एक भी मामला सामने नहीं आया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को बताया कि त्रिपुरा में अब तक जिन कोविड-19 नमूनों का जीनोम सिक्वेंसिंग किया गया है उनमें वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट का एक भी मामना नहीं आया है।
मंत्रालय ने यह स्पष्टीकरण पूर्वोत्तर राज्य में डेल्टा प्लस वेरिएंट के बढ़ते संक्रमण का दावा करती छपी कुछ खबरों के मद्देनजर किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि त्रिपुरा से 152 नमूने कल्याणी स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जिनोमिक्स (एनआईबीएमजी) जिनोम सिक्वेंशिंग के लिए भेजे गए थे। ये नमूने अप्रैल और मई 2021 के दौरान आरटी-पीसीआर जांच में संक्रमित पाए गए मरीजों से इकट्ठा किए गए थे।
मंत्रालय ने बताया कि इन नमूनों की जांच में खुलासा हुआ कि तीन नमूने बी.1.1.7 सं संक्रमित थे, जबकि 11 नमूनों में बी.1.617.1 कप्पा वेरिएंट मिला जबकि 138 नमूने बी.1.617.2 डेल्टा से संक्रमित थे। इनमें से कोई भी नमूना डेल्टा प्लस से संक्रमित नहीं मिला।