महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में ऑल इज वेल दिखाने के लिए भले ही शीर्ष नेताओं की ओर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत अलग ही दिखती है। रविवार को एक बार फिर से महाविकास अघाड़ी के दो अहम दलों शिवसेना और एनसीपी के बीच टकराव तेज हो गया। शिरूर से एनसीपी के सांसद अमोल कोल्हे ने कहा था कि उनके नेता शरद पवार के आशीर्वाद से उद्धव ठाकरे को सीएम की कुर्सी मिली है। उनके यह कहते ही विवाद हो गया और अब शिवसेना के पूर्व सांसद शिवाजीराव आधलराव पाटिल ने एनसीपी पर तीखा वार करते हुए गठबंधन में शामिल कांग्रेस जैसी पार्टी तक को संदेश दिया है।
शिवाजीराव पाटिल ने रविवार को कहा कि शिवसेना ने तय किया है कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा और अगले 25 सालों तक वह ऐसा करती रहेगी। खेड़ और नारायणगांव बाईपास के उद्घाटन के मौके पर एनसीपी के नेता ने यह टिप्पणी की थी, जिसके बाद शिवसेना की ओर से यह प्रतिक्रिया आई है। शिवसेना के तेवरों के अबद एनसीपी सांसद कोल्हे पलटते दिख रहे हैं। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह सीएम उद्धव ठाकरे का पूरा सम्मान करते हैं और उनसे अच्छे रिश्ते हैं। अपने बयान को लेकर उन्होंने कहा मेरी बात को गलत समझा गया।
कोल्हे बोले- बयान तो दिया, पर उसका बैकग्राउंड भी समझें
कोल्हे ने कहा, ‘मेरी बात को गलत ढंग से लिया गया। मैंने कहा था कि मैं सीएम उद्धव ठाकरे का बहुत सम्मान करता हूं। यदि किसी को संदेह है तो वह लोकसभा में मेरे भाषणों को देख सकता है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिवसेना सीएम के नाम पर मेरी और पार्टी की आलोचना करती रही है। मैंने कहा था कि यदि वह ऐसा करते हैं और फिर सीएम के पीछे जाकर छिप जाते हैं तो उन्हें यह याद रखना चाहिए उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री का पद एनसीपी के मुखिया शरद पवार के आशीर्वाद से मिला है।’ कोल्हे ने कहा कि मेरे इस बयान को सही परिप्रेक्ष्य में समझना चाहिए और यह जानना होगा कि ऐसा क्यों कहा था।
पीछे हटे कोल्हे तो अब बोली शिवसेना, पवार की नसीहत पर किया ऐसा
कोल्हे ने सीएम से अपने संबंधों को याद दिलाते हुए कहा कि मैंने संसद में हमेशा ही महाराष्ट्र से जुड़े मुद्दों को उठाया है और खुद सीएम ने भी इसकी जमकर तारीफ की है। वहीं उनके बयान से पीछे हटने पर भी शिवाजीराव पाटिल ने हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अब वह शरद पवार की नसीहत के बाद पीछे हट रहे हैं।