नेपाल के ऊपरी इलाकों में हो रही भारी बरसात के कारण प्रदेश विशेषकर पूर्वांचल की कई नदियां उफनाने लगी हैं। कई प्रमुख नदियां प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों में खतरे के निशान को पार कर गई है। इस बीच नदियों के तेजी से बढ़ते जलस्तर को देखकर सिंचाई विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही राजधानी स्थित केन्द्रीय नियंत्रण कक्ष को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहकर प्रदेश की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर के उतार-चढ़ाव की जानकारी विभागीय मुख्यालय को हर छह घंटे पर देने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं बंधों की निगरानी बढ़ाने तथा उसकी 24 घंटे पेट्रोलिंग करने के भी निर्देश दिए गए हैं। प्रमुख बंधों पर लगे सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से भी जलस्तर पर नजर रखने को कहा गया है।
केन्द्रीय जल आयोग से प्राप्त सूचना के अनुसार प्रदेश में शारदा, घाघरा, सरयु व राप्ती नदी के जलस्तर में भी तेजी से वृद्धि जारी है। इसके कारण पूर्वांचल के बलरामपुर, बहराइच, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर आदि जिलों के निचले इलाके में बाढ़ का पानी भरने लगा है। आयोग से मिली जानकारी के अनुसार गंगा नदी बदायूं में खतरे के निशान से 0.510 मीटर ऊपर बह रही है जबकि घाघरा बाराबंकी में एल्गिन ब्रिज के पास 0.106 मीटर, अयोध्या में 0.050 मीटर तथा बलिया के तुर्तिपार में 0.240 मीटर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है।
इसी प्रकार से रोहिन नदी महाराजगंज के त्रिमोहिनीघाट पर 0.510 मीटर तथा क्वान नदी गोण्डा के चन्द्रदीपघाट पर 0.450 मीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। शारदा नदी पलिया में 0.700 मीटर खतरे के निशान से ऊपर है और इन सभी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश की कई अन्य नदियों के जलस्तर में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। गोमती सीतापुर, लखनऊ तथा सुलतानपुर में बढ़ने लगी है जबकि जौनपुर में स्थिर बनी हुई है। गंगा कन्नौज, कानपुर, प्रयागराज, गाजीपुर व बलिया में तेजी से बढ़ रही है जबकि बुलंदशहर, फर्रुखाबाद, रायबरेली व वाराणसी में यह स्थिर है। क्या कहते हैं जिम्मेदार
नदियों के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर पर निगरानी रखी जा रही है। बंधों पर इमर्जेन्सी लाइट के साथ सीसीटीवी कैमरे से भी नजरत रखी जा रही है। प्रदेश भर से लगातार मिल रही सूचना को एकत्र कर सेन्ट्रल कन्ट्रोल रूम विभागीय मुख्यालय के माध्यम से शासन को सूचनाएं दे रहा है। डा. महेन्द्र सिंह, जलशक्ति मंत्री, उत्तर प्रदेश