अफगानिस्तान में चल रही लड़ाई में अब संयुक्त राष्ट्र संघ को भी निशाना बनाया जाने लगा है। शुक्रवार को पश्चिमी अफगान प्रांत हेरात में स्थित यूएन की मुख्य इमारत पर सरकार विरोधी तत्वों ने हमला कर दिया। हमले में वहां तैनात एक सुरक्षा गार्ड की मौत हो गई। अफगानिस्तान स्थित यूनाइटेड असिस्टेंस मिशन ने इस बात की जानकारी दी। यह हमला रॉकेट और ग्रेनेड से किया गया। इसके अलावा गोलियां भी बरसाई गईं। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक यह हमला उस वक्त हुआ जब तालिबान लड़ाके हेरात शहर के अंदर तक घुस आए। यहां संयुक्त राष्ट्र मिशन के प्रांतीय मुख्यालय के पास उनका अफगान सुरक्षा बलों से जोरदार मुठभेड़ हुई थी।
सभी राजनयिक भवन अलर्ट पर
हमले के बाद जारी बयान में यूनाइटेड नेशंस ने कहा कि वह जल्द से जल्द इस बात का पता लगाएगी कि वास्तव में यह हमला किसने किया है। यह जानकारी जुटाने के लिए वह तमाम पक्षों से संपर्क कर रहा है। तात्कालिक रूप से यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि संयुक्त राष्ट्र की इस इमारत पर किसने हमला किया। हालांकि एक पश्चिमी सुरक्षा अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि इस घटना के बाद वहां सभी राजनयिक भवनों को अलर्ट पर रखा गया है। वहीं संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि भवन के प्रवेश द्वार की तरफ हमला किया गया। वहां यह स्पष्ट दर्शाया गया था कि यह संपत्ति संयुक्त राष्ट्र की है। हम इस हमले को संयुक्त राष्ट्र पर हमला मानते हैं और इसकी निंदा करते हैं। अफगानिस्तान में विशेष प्रतिनिधि के तौर पर तैनात संयुक्त राष्ट्र के जनरल सेक्रेट्री डेबोरेह लियॉन्स ने यह बात कही।
सभी राजनयिक भवन अलर्ट पर
हमले के बाद जारी बयान में यूनाइटेड नेशंस ने कहा कि वह जल्द से जल्द इस बात का पता लगाएगी कि वास्तव में यह हमला किसने किया है। यह जानकारी जुटाने के लिए वह तमाम पक्षों से संपर्क कर रहा है। तात्कालिक रूप से यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि संयुक्त राष्ट्र की इस इमारत पर किसने हमला किया। हालांकि एक पश्चिमी सुरक्षा अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि इस घटना के बाद वहां सभी राजनयिक भवनों को अलर्ट पर रखा गया है। वहीं संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि भवन के प्रवेश द्वार की तरफ हमला किया गया। वहां यह स्पष्ट दर्शाया गया था कि यह संपत्ति संयुक्त राष्ट्र की है। हम इस हमले को संयुक्त राष्ट्र पर हमला मानते हैं और इसकी निंदा करते हैं। अफगानिस्तान में विशेष प्रतिनिधि के तौर पर तैनात संयुक्त राष्ट्र के जनरल सेक्रेट्री डेबोरेह लियॉन्स ने यह बात कही।
हेलमंद में जनता छोड़ चुकी है शहर
गौरतलब है कि हेरात अफगानिस्तान का दूसरा ऐसा प्रांत है जहां पिछले 24 घंटे के अंदर तालिबान लड़ाके पहुंच चुके हैं। एक दिन पहले इन लड़ाकों ने हेलमंद के दक्षिणी प्रांत में प्रवेश किया था। वहां पर आम जनता शहर छोड़कर भाग चुकी है और लड़ाई जारी है। एक सरकारी अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि गुरुवार सुबह से तालिबान लश्करगाह शहर पर कई दिशाओं से हमला बोल चुका है। लश्करगाह हेलमंद प्रांत की राजधानी है। यह पाकिस्तान की सीमा से लगा दक्षिणी प्रांत है। अमेरिकी सेनाओं के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद से यहां पर स्थिति काफी कठिन हो गई है।