कांवड़ मेला स्थगित होने के बाद हरिद्वार आ रहे 3313 कांवड़ियों को हरिद्वार पुलिस ने सीमाओं से वापस कर दिया। अब तक हरिद्वार पुलिस 12000 कांवड़ियों को सीमा से वापस लौट आ चुकी है जबकि 28 मुकदमे भी दर्ज कर चुकी हैं। जबकि शुक्रवार को 667 वाहनों को वापस किया गया। कांवड़ यात्रा प्रतिबंधित होने के बाद बॉर्डर पर सख्ती जारी है। पिछले छह दिनों में सख्ती के चलते कई हजार कांवड़ियों को पुलिस ने बॉर्डर से वापस लौटाया है। कांवड़ियों को धर्मनगरी में आने से रोकने के लिए जिले में छह थाना क्षेत्रों के 10 बॉर्डर पर लगातार सख्ती की जा रही है। 24 जुलाई की मध्य रात्रि से जिले के बॉर्डर पर सख्ती बढ़ा दी गई थी। श्यामपुर के चिडियापुर बॉर्डर से 30 जुलाई की रात तक 521 कांविड़यों के साथ ही 95 वाहनों को वापस भेजा गया। मंगलौर के नारसन बॉर्डर से 8474 व 1336 वाहनों को वापस लौटा गया है। भगवान पुर के मंडावर बॉर्डर से 1226 कांविडयों व 272 वाहनों को वापस किया गया है।
कांवड़ यात्रियों के लिए बॉर्डर पर पुलिस ने बढ़ाई चौकसी
कांवड़ यात्रा पर उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश में भी रोक लगी हुई है। इसके बावजूद यूपी, हरियाणा व दिल्ली के लोग जल भरने के लिए चोरी छिपे सीमापार कर रहे हैं। चेकिंग से बचने के लिए ये लोग सैकड़ों किमी बाइक, स्कूटी चलाकर बॉर्डर पार कर रहे हैं। हालांकि पुलिस बॉर्डर पर सघन चौकसी का दावा कर रही है। कोरोना के कारण इस साल भी उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा पर रोक है। उत्तर प्रदेश में भी कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके बावजूद कुछ लोग गंगा का जल भरने के लिए सीमापार कर उत्तराखंड आ रहे थे। ऐसे लोगों पर पुलिस मुकदमे दर्ज करने के साथ ही उन्हें क्वारंटाइन भी कर रही थी। लक्सर में भी कांवड़ यात्रियों को रोकने के लिए पुरकाजी (मुजफ्फरनगर) के बढ़ीवाला बॉर्डर और बिजनौर (यूपी) के बालावाली बॉर्डर पर पुलिस व पीएसी तैनात है। इसके बावजद कुछ लोग पुलिस की निगरानी से बचने के लिए दुपहिया वाहनों पर सवार होकर सीमा पार कर रहे हैं।