उत्तराखंड सरकार के आदेश के बावजूद ज्वाइन नहीं करने और मनचाही तैनाती के लिए सियासी दबाव बनाने के आरोप में नादेही चीनी मिल के पूर्व जीएम आरके सेठ को सस्पेंड कर दिया। सेठ पर आरोप है कि वो शुगर फेडरेशन मुख्यालय में जीएम पद के लिए सियासी दबाव इस्तेमाल कर रहे थे। गन्ना सचिव चंद्रेश कुमार ने सेठ के निलंबन की पुष्टि की। सेठ के निलंबन आदेश में लिखा है कि वो बिना किसी अनुमति के ड्यूटी से गैरहाजिर रहे। साथ ही वह राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए जांच को प्रभावित करने और उत्तराखंड शुगर्स के जीएम पद पर नियुक्ति का प्रयास कर रहे थे। सचिव ने बताया कि सेठ के खिलाफ जांच भी बिठा दी गई है। यह है मामला : सात जुलाई को गन्ना सचिव चंद्रेश कुमार ने सेठ के खिलाफ जांच के आदेश जारी करते हुए किच्छा चीनी मिल की अधिशासी निदेशक रुचि मोहन रयाल को जांच अधिकारी नियुक्त किया था। सेठ पर आरोप है कि नादेही चीनी मिल का जीएम रहते हुए उन्होंने अनियमितताएं की हैं। वर्तमान में सेठ नादेही मिल में मुख्य अभियंता पद पर कार्यरत हैं। जांच के आदेश के साथ सेठ को बाजपुर चीनी मिल भेज दिया गया था। सूत्रों के अनुसार उन्होंने वहां ज्वाइन नहीं किया और शासन को जानकारी भी नहीं दी। इस बीच उन्होंने सियासी संपर्कों का इस्तेमाल करते हुए शुगर फेडरेशन में नई तैनाती का प्रयास शुरू कर दिया। मामला संज्ञान में आने पर सचिव ने उन्हें निलंबित कर दिया।
भ्रष्टाचार और भ्रष्ट अफसरों को किसी सूरत में प्रश्रय नहीं दिया जाएगा। यदि किसी पर अनियमितता के आरोप हैं तो उसकी जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्वामी यतीश्वरानंद, गन्ना एवं चीनी विकास मंत्री
मैंने 28 जुलाई को ही बाजपुर चीनी मिल में बतौर मुख्य अभियंता पदभार ग्रहण कर लिया है। इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कह सकता हूं।