म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के पांच महीने में ही देश के 2.2 लाख लोग लापता हो चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र ने जानकारी दी है कि एक फरवरी को हुए तख्तापलट के बाद से देश में आम नागरिकतों पर हिंसा और उन्हें अगवा किए जाने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं।
म्यामांर में युवाओं ने सैन्य शासन के खिलाफ लंबे वक्त तक मोर्चा खोला और अब भी कई इलाकों में यह संघर्ष जारी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आंदोलन को कुचलने के लिए सैन्य सरकार ने कई सामाजिक कार्यकर्ताओं, विद्यार्थियों व आंदोलनकारियों को जेलों में डाला जबकि कई हजार लोगों का कोई पता नहीं लगा है।
पौने दो लाख लोगों ने घर छोड़ा
एक फरवरी से सेना और नागरिकों के बीच शुरू हुई हिंसा व सशस्त्र संघर्ष के कारण म्यांमार के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में अनुमानित 170,200 लोग विस्थापित हो चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के कार्यालय की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।
सौ से ज्यादा क्षेत्रों में अब भी संघर्ष जारी
रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिणी क्षेत्रों के काया व शान राज्य में 21 मई के बाद से संघर्ष में तेजी आयी है जिससे अकेले इस क्षेत्र में लगभग 121,400 लोग विस्थापित हुए। दूसरी ओर, चिन, मैगवे और सागिंग राज्यों में इस माह आंदोलनकारी और सेना के बीच मिंडत होने से करीब सौ जगहों पर हिंसा बढ़ गई
दो सप्ताह में 50% आबादी को संक्रमित का खतरा
ब्रिटेन के संयुक्त राष्ट्र राजदूत ने चेतावनी दी है कि अगले दो सप्ताह के भीतर यहां की 5.4 करोड़ आबादी में से 50% आबादी संक्रमित हो सकती है। जुलाई की शुरूआत से यह देश कोरोना की खतरनाक तीसरी लहर के जद में है। दूसरी ओर, तख्तापलट के बाद देश में चिकित्सा तंत्र बुरी तरह से प्रभावित हुआ है, आंदोलन में शामिल रहे कई चिकित्साकर्मियों को सरकार ने जेल में भी डाला, जिससे संक्रमित मरीजों के इलाज में बाधा पड़ी।