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कानपुर : शादी अनुदान फर्जीवाड़े में बड़ी कार्रवाई, 19 लेखपालों के खिलाफ केज दर्ज

उत्तर प्रदेश के कानपुर में शादी अनुदान फर्जीवाड़े में जिलाधिकारी ने बड़ी कार्रवाई की है। 19 लेखपालों की मिलीभगत पाए जाने पर उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। साथ निलंबित 10 लेखपालों का बहाली आदेश निरस्त कर दिया गया। जांच करके लेखपालों को क्लीन चिट देने वाले तत्कालीन तहसीलदार अतुल कुमार के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। राजस्व परिषद से तहसीलदार के निलंबन और विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है।

जिले में शादी अनुदान और परिवार लाभ योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया। इसमें मिलीभगत के आरोप में एसडीएम सदर ने 19 लेखपालों को निलंबित कर उसकी जांच तत्कालीन तहसीलदार सदर अतुल कुमार को सौंपी थी। अतुल इस वक्त उन्नाव में सदर तहसीलदार हैं। उन्होंने जांच कर 10 लेखपालों पर लगे फर्जीवाड़े के आरोपों को खारिज कर दिया था। जिसके आधार पर एसडीएम ने सभी लेखपालों को बहाल कर दिया था। जानकारी होने पर डीएम ने फिर से प्राथमिक जांच कराई तो गलत तरीके से जांच करके रिपोर्ट देने पुष्टि हुई है।

डीएम आलोक तिवारी ने बताया कि अतुल कुमार ने ट्रांसफर का फायदा उठाकर गलत तरीके से लेखपालों को क्लीन चिट दी थी। इसलिए एसडीएम सदर ने सभी 10 लेखपालों की बहाली को निरस्त करके उनको दोबारा निलंबित किया है। उनकी भूमिका की नए सिरे से जांच होगी। अब फर्जीवाड़े के आरोपी सभी 19 लेखपालों और तहसीलदार सदर पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

 इन लेखपालों के खिलाफ हुई रिपोर्ट
सुजीत कुशवाहा, अजय कुशवाहा, दिलीप सचान, हर नरायण दुबे, आलोक कुमार, स्नेह हंस, अश्वनी कुमार, नीतू त्रिपाठी, हरिश्चंद्र विश्वकर्मा, देवेंद्र बाजपेई, रामखेलावन भारती, अरविंद तिवारी, धर्मपाल, प्रीति दीक्षित, आशीष यादव, सुशील कुमार, पीयूष सिंह, गुलाब सिंह और प्रमोद कुमार श्रीवास्तव