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ऐसे तो न हो पाएगा सबका टीकाकरण, धीमी है रफ्तार, हर दिन जरूरी 92 लाख टीके

भारत को अगर इस साल के अंत तक अपनी 18 साल और उससे ऊपर की 100 फीसदी आबादी को कोरोना रोधी टीका देना है तो इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए हर दिन देश में 92 लाख खुराकें देनी होंगी। इसी साल 21 जून को भारत ने एक दिन में 88 लाख डोज लगाकर रिकॉर्ड बनाया था। टीकाकरण के लिहाज से यह अब तक भारत का सर्वेश्रेष्ठ सप्ताह रहा था। हालांकि, अब अगर पूरी आबादी का टीकाकरण करना है तो भारत को इस रिकॉर्ड से भी आगे जाना होगा। 

व्यस्कों की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी 21 जून वाले हफ्ते की तुलना में दोगुने टीके लगाने होंगे। 

टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि साल 2021 में भारत में व्यस्कों की आबादी करीब 94 करोड़ है। इसका मतलब है कि इन लोगों के लिए देश में 188 करोड़ टीके की खुराकें चाहिए। जुलाई के आखिर तक देश में टीके की 47 करोड़ खुराक दी गई हैं। यानी अब बचे साल के 153 दिनों में 141 करोड़ खुराकें देनी होंगी, जिसका सीधा सा हिसाब यह है कि हर दिन देश में 92 लाख खुराकें देनी होंगी।

सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश ने टीकाकरण के लिहाज से अपने सर्वश्रेष्ठ सप्ताह में 6.7 लाख खुराके हर दिन दी थी। अब इस साल के आखिर तक यूपी में हर दिन 16.1 लाख खुराकें देनी होंगी और इसमें रविवार भी शामिल हैं। इसी तरह बिहार ने 21 जून वाले अपने सर्वश्रेष्ठ हफ्ते में हर दिन औसतन 3.3 लाख टीके की खुराकें दी थीं लेकिन अब उसे साल के बाकी बचे पांच महीनों में हर दिन औसतन 8 लाख खुराकें मुहैया करानी होंगी।टीके की आपूर्ति टीकाकरण की धीमी गति की सबसे बड़ी वजह है। हालांकि, सरकार ने यह संकेत दिए थे कि अगस्त में देश को टीके की 15 करोड़ अतिरिक्त खुराकें मिलेंगी, तो वहीं सितंबर में 19-20 करोड़ डोज भारत को मिलेंगी।