बीते हफ्ते लगातार छह दिनों तक केरल में कोरोना के 20 हजार से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए। हालांकि, रविवार को थोड़ी राहत रही लेकिन अभी भी पूरे देश के आंकड़ों में से आधे मामले केरल राज्य में मिल रहे हैं। हैरानी इसलिए है कि जहां एक तरफ देशभर में कोरोना की दूसरी लहर ढलान पर है तो वहीं केरल में हर दिन रिकॉर्ड केस कैसे दर्ज हो रहे हैं। चिंताजनक हालात को देखते हुए केंद्र ने अपनी एक उच्च-स्तरीय टीम केरल भेजी है। इस टीम के मुताबिक, राज्य में होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों की निगरानी में लापरवाही इस विस्फोट का सबसे बड़ा कारण है।
केंद्र सरकार ने 29 जुलाई को एक छह सदस्यीय एक्सपर्ट टीम केरल भेजी थी ताकि वहां की स्थिति का जायजा लिया जा सके। इस टीम की अगुवाई नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के डायरेक्टर डॉक्टर सुजीत सिंह कर रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, फिलहाल यह टीम सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी रेट वाले जिलों का दौरा कर रही है और जल्द ही अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी।
खबर के मुताबिक, सेंट्रल टीम ने पाया कि राज्य में जिन कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है उनकी पर्याप्त निगरानी नहीं की जा रही, जिसकी वजह से संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
केंद्रीय टीम ने बताया, ‘जो कोरोना मरीज होम आइसोलेशन में हैं, वे आस-पास घूम रहे हैं और इसलिए संक्रमण भी फैल रहा है। यह शुरुआती नतीजा है।’ हालांकि, टीम अब उन जिलों में दौरा कर रही है जहां कोरोना संक्रमण दर ऊंची है। केंद्रीय टीम ने यह भी माना है कि राज्य को अब ठोस कदम उठाने होंगे और इसके तहत जिन लोगों में थोड़े भी गंभीर लक्षण हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती करना चाहिए क्योंकि केरल में अधिकांश कोविड-19 बेड अब खाली हैं।केंद्रीय टीम ने केरल में हाल के दिनों में कोरोना से बढ़ी मौतों पर भी चिंता व्यक्त की है। बीते तीन हफ्तों में कोरोना से मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। केरल में अभी तक कोरोना मृत्यु दर कम थी लेकिन अब औसतन हर दिन राज्य में 55 से 65 मरीजों की जान जा रही है।