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सीमा विवाद पर असम-मिजोरम ने दिखाई नरमी, लेकिन संसद में केंद्र को घेरने की तैयारी में विपक्ष

असम और मिजोरम 26 जुलाई को सीमा विवाद के बाद हुई हिंसा को लेकर एक दूसरे के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस लेने पर सहमत हो गए हैं। साथ ही असम के दो मंत्री सीमा विवाद सुलझाने 5 अगस्त को मिजोरम जाएंगे। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सोमवार को कहा कि राज्य के दो मंत्री अतुल बोरा और अशोक सिंघल 5 अगस्त को आइजोल जाएंगे। वहां वे मिजोरम के साथ पुराने सीमा विवाद पर वार्ता करेंगे।

इसके साथ ही सरमा ने यह भी कहा कि मिजोरम के दो वरिष्ठ अधिकारियों कोलासीब जिले के उपायुक्त और वायरेंगटे के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे। सरमा ने सोमवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी। वहीं, मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने सोमवार को कहा कि उन्होंने राज्य पुलिस को निर्देश दिया है कि वह उन सभी आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी वापस ले लें, जो असम के साथ राज्य की सीमा पर हुई हिंसा के संबंध में हैं, ताकि सीमा विवादों को सुलझाने के लिए अनुकूल माहौल बनाया जा सके।

दोनों राज्यों द्वारा तनाव को कम करने के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मिजोरम के राज्यसभा सदस्य के वनलालवेना सहित वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मामले वापस लेने के एक दिन बाद यह घटनाक्रम सामने आया।

असम-मिजोरम विवाद पर भी केंद्र को घेरने की तैयारी में विपक्ष
असम-मिजोरम विवाद में दोनों राज्यों के रुख में नरमी के बावजूद विपक्ष इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने के मूड में है। सदन में सरकार को घेरने वाले मुद्दों की सूची में अब ये मसला भी शामिल है। कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी सहित अन्य विपक्षी दलों का मानना है कि केंद्र सरकार ने स्थिति को बिगड़ने से पहले दखल दिया होता तो ये स्थिति नहीं होती।

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई का कहना है कि इस मामले में जिम्मेदारी तय होनी चाहिए कि आखिर पुलिस के जवानों को जान क्यों गंवानी पड़ी। पार्टी मानती है कि पूर्वोत्तर की संवेदनशील स्थिति के बावजूद जो तत्परता केंद्र की ओर से दिखाई जानी चाहिए थी, वह नहीं दिखाई गई। विपक्षी दल से जुड़े नेताओं का मानना है कि असम मिजोरम विवाद काफी लंबे समय से चल रहा है। हालिया घटनाओं ने इसे और अधिक गंभीर बना दिया है। गोगोई ने इस बाबत गृहमंत्री को पत्र भी लिखा था। विपक्षी दलों का मानना है कि दोबारा स्थिति न बिगड़े, इसलिए केंद्र को मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाकर इस मामले को हल करने की दिशा में प्रयास करना चाहिए।