दक्षिण चीन सागर में विगत कुछ दिनों से हलचल तेज हो गई है। इस जल क्षेत्र में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। अमेरिका के बाद अब चीन ने भी इस क्षेत्र में एक बड़े सैन्य अभ्यास की शुरुआत कर दी है। चीन ने विवादित दक्षिण चीन सागर में शुक्रवार से पांच दिनों का नौसैनिक अभ्यास शुरू किया। यह अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ मिलकर सैन्य अभ्यास कर रहा है। हालांकि ब्रिटेन, जर्मनी और भारत सहित कई देशों ने दक्षिण चीन सागर में अपने युद्धपोत भेज कर ड्रैगन को चुनौती दी है। बता दें कि पूरे दक्षिण चीन सागर पर चीन अपना दावा करता है।
बीजिंग दबाव कम करेगा
चीन ने दक्षिण चीन सागर में शुक्रवार से ही पांच दिवसीय नौसैनिक सैन्य अभ्यास की शुरुआत कर दी है, इसकी वजह से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। चीन का ये सैन्य अभ्यास, जिसमें एक विशाल नेविगेशन प्रतिबंध क्षेत्र स्थापित करना शामिल होगा। अन्य जहाजों को नेविगेशन प्रतिबंध क्षेत्र में प्रवेश करने की मनाही है। ड्रैगन का यह सैन्य अभ्यास ऐसे समय में होने जा रहा है जब अमेरिका और क्षेत्र के अन्य देश बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास कर बीजिंग पर दबाव बना रहे हैं। अमेरिका चीन को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास कर रहा है। ब्रिटेन, जर्मनी और भारत सहित कई देशों ने दक्षिण चीन सागर में युद्धपोत भेजे हैं या फिर भेजने की योजना बना रहे हैं।
और देश भी करेंगे अभ्यास
चीन की ओर से यह घोषणा भारत द्वारा दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण चीन सागर और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में चार युद्धपोतों की एक टास्क फोर्स की तैनाती की घोषणा के कुछ ही दिनों बाद आई है। भारतीय जहाज क्वाड (भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका) के मालाबार अभ्यास के अगले संस्करण में भाग लेने के लिए तैयार हैं। इसमें वियतनाम, फिलीपींस, सिंगापुर, इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया के साथ द्विपक्षीय अभ्यास में भी शामिल होंगे।
ग्लोबल टाइम्स की गीदड़ भभकी
चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार- चीनी सैन्य अभ्यास हालिया उकसावे की प्रतिक्रिया के रूप में काम करेगा। यह दर्शाता है कि चीन के पास भेड़ियों के खिलाफ राइफलें तैयार हैं, जो चीन के मूल हितों के लिए भूखी हैं। चीन शुक्रवार से मंगलवार तक दक्षिण चीन सागर में सैन्य प्रशिक्षण आयोजित करेगा, और अन्य जहाजों को नेविगेशन प्रतिबंध क्षेत्र में प्रवेश करने की मनाही है।इधर, भारत भी हर कदम से चीन को संदेश दे रहा
भारत समुद्र में अपनी शक्ति में लगातार इजाफा कर रहा है। हिंद महासागर और अन्य समुद्रीय इलाकों में भारत द्वारा अपनी शक्ति बढ़ाया जाना लगातार ड्रैगन यानी चीन के लिए एक मजबूत संदेश का भी काम कर रहा है। इसी क्रम में बुधवार को भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक जहाज ‘विक्रांत’ का समुद्र में परीक्षण शुरू हो गया। यह देश में निर्मित सबसे बड़ा और ताकतवर युद्धपोत है।