अफगानिस्तान में हमले तेज होते जा रहे हैं। इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान के प्रमुख शहरों की ओर बढ़ रहे तालिबानी आतंकियों को निशाना बनाने के लिए B-52 बॉम्बर्स और स्पेक्टर गनशिप देने के आदेश दिए हैं। डेलीमेल ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। दी टाइम्स की एक रिपोर्ट बताती है कि B-52 विमान कतर के एक एयरबेस से अफगानिस्तान के लिए उड़ान भर रहे हैं। ये विमान हेलमंद प्रदेश के कंधार, हेरात और लश्कर गाह के इलाकों में निशाना बना रहे हैं। हालांकि अमेरिका या अफगान सेना ने इस बात की पुष्टि नहीं की है।
2001 में तालिबान सत्ता को उखाड़ने में B-52 की महत्वपूर्ण भूमिका
शीतयुद्ध काल के इस स्ट्रेटजिक बॉम्बर ने पहली दफा 1950 के दशक में उड़ान भरा था। इसके 70,000 पेलोड और 12,875 किलोमीटर से अधिक रेंज को लेकर मौजूदा वक्त में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसे AC-130 स्पेक्टर गनशिप का सपोर्ट हासिल है जो 25 मिमी गैटलिंग गन, 40 मिमी बोफोर्स तोप और 105 मिमी एम 102 तोप से लैस है जो हवा से सटीक निशाना लगा सकते हैं। बोइंग B-52 लंबी दूरी का, सबसोनिक, जेट-संचालित स्ट्रेटजिक बॉम्बर है, जो एक वक्त में 32 टन तक बम ले जा सकता है। 2001 के अंत में तालिबान को सत्ता से उखाड़ फेंकने में बोइंग B-52 की महत्वपूर्ण भूमिका बताई जाती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले एक साल से अफगानिस्तान में B-52 का इस्तेमाल नहीं किया गया है।तालिबान ने अफगान सुरक्षा बलों के साथ ही आम लोगों पर हमले तेज कर दिए हैं। रिपोर्टर्स के मुताबिक़ 6 अगस्त तक अफगानिस्तान के 218 जिले तालिबान के कब्जे में हैं, जबकि अफगानिस्तान सरकार का 120 जिलों पर नियंत्रण है। 99 जिलों में तालिबान और अफगानिस्तान सेना के बीच लड़ाई जारी है।
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