अब देश की बेटियां भी सीमा की रक्षा करने और युद्ध की जिम्मेदारी उठाने के लिए आगे आ रही हैं। रविवार को इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस ज्वॉइन करने वाली दो महिला अफसरों को रविवार को कॉम्बैट रोल में शामिल किया गया। दोनों महिला अधिकारियों के नाम प्रकृति और दीक्षा हैं। प्रकृति इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं और दीक्षा के पिता बॉर्डर गार्डिंग फोर्स में इंस्पेक्टर हैं। इस दौरान असिस्टेंट कमांडेंट दीक्षा ने कहा, “मेरे पिता मेरे लिए रोल मॉडल हैं। उन्होंने हमेशा मेरा उत्साहवर्धन किया है।” यूपीएसी की परीक्षा पास करने के बाद दोनों महिला अफसरों ने मसूरी स्थित आईटीबीपी एकेडमी से प्रशिक्षण लिया है। पासिंग आउट परेड के दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बतौर मुख्य अतिथि यहां मौजूद रहे।पासिंग आउट परेड के बाद मसूरी स्थित आईटीबीपी एकेडकी से कुल 53 अधिकारी उत्तीर्ण हुए। कुल 53 अधिकारियों में से 42 अधिकारी सामान्य ड्यूटी युद्धक काडर में हैं, जबकि 11 अधिकारी लगभग 90,000 कर्मियों वाले मजबूत पर्वतीय युद्ध प्रशिक्षण बल के इंजीनियरिंग काडर में हैं। इन अधिकारियों को अब चीन के साथ लगी एलएसी और छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान सहित देश में आईटीबीपी की सभी इकाइयों में तैनात किया जाएगा। धामी और देसवाल ने पासिंग आउट परेड और सत्यापन समारोह के बाद दोनों महिला अधिकारियों प्रकृति और दीक्षा को अर्धसैनिक बल में शुरुआती स्तर के अधिकारी रैंक सहायक कमांडेंट के पद से नवाजा। कार्यक्रम में दोनों महिला अधिकारियों ने देश सेवा की शपथ ली। आईटीबीपी ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित अखिल भारतीय परीक्षा के माध्यम से 2016 से अपने काडर में महिला लड़ाकू अधिकारियों की भर्ती शुरू की। इससे पहले यह कांस्टेबल रैंकों में महिलाओं की भर्ती करता था।
जवानों के बलिदानों से है सुरक्षित है देश
मुख्य अतिथि पुष्कर सिंह धामी ने आईटीबीपी के महानिदेशक एस एस देसवाल के साथ 680 पृष्ठों वाली पहली ‘हिस्ट्री ऑफ आईटीबीपी पुस्तक का विमोचन किया, जिसमें कई अज्ञात तथ्य और सीमा सुरक्षा बल की पहले कभी न देखी गई दुर्लभ तस्वीरें हैं। युद्ध और रणनीति के विभिन्न विषयों में 50 सप्ताह (सामान्य ड्यूटी काडर) और 11 सप्ताह (इंजीनियरिंग काडर) तक प्रशिक्षित युवा अधिकारियों को संबोधित करते हुए धामी ने कहा कि कमांडरों को अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश अपने सशस्त्र बलों की वीरता और जवानों द्वारा किए गए बलिदान के कारण सुरक्षित है। उन्होंने युवा अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि मैं एक सैनिक का बेटा हूं और मैंने सेना को करीब से देखा है।
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