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वाराणसी में 20-20 रुपये लेकर कोविशील्ड के नाम पर लगा दिया ‘गैस’ का इंजेक्शन, जानें फिर क्या हुआ

वाराणसी के एक गांव में कोरोना वैक्सीन के नाम पर एंटी एलर्जिक इंजेक्शन लगाकर वसूली करने का मामला सामने आया है। यहां एक स्वास्थ कर्मचारी गांव वालों से बीस-बीस रुपये लेकर उन्हें यह इंजेक्शन लगा रहा था। इस मामले में पिंडरा पीएचसी (´प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) के हेल्थ सुपरवाइजर को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। यह कार्रवाई एक युवक की शिकायत पर हुई।  काशीपुर गांव में शनिवार शाम को पीएचसी पर तैनात हेल्थ सुपरवाइजर मोहन राम लोगों से 20 रुपये प्रति व्यक्ति लेकर इंजेक्शन लगा रहा था। उसका दावा था कि वह कोविशील्ड वैक्सीन की डोज लगा रहा है। गांव के एक युवक ने बिना रजिस्ट्रेशन टीका लगाने के बाद प्रमाण पत्र मांगा तो वह धौंस देने लगा। जिस पर उसे शक हुआ और उसने सिंधोरा थाने में सूचना दी। मौके पर पहुंचे एसएसआई संजीत बहादुर सिंह ने इंजेक्शन के वायल को जब्त करके  प्रभारी चिकित्सा अधिकारी पिंडरा डॉ एचसी मौर्य को सूचना दी। चिकित्सा अधिकारी ने जांच के बाद बताया कि इंजेक्शन डेक्सोना और एसीलॉक है। डेक्सोना एक एंटी एलर्जिक, जबकि एसीलॉक गैस का इंजेक्शन है। थाने में पूछताछ के दौरान आरोपित ने बताया कि धन कमाने की नीयत से वह कई दिनों से गांवो में घूम-घूमकर लोगों को इंजेक्शन लगाकर 20 से 50 रुपये तक वसूल रहा था। आरोपी के कब्जे से एक आला, एक वायल डेक्सोना, एक एम्पुल रेंटेडिन व अन्य दवाएं बरामद हुई हैं। पुलिस ने पिंडरा पीएचसी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मचारी बीरबल की तहरीर पर आरोपित के खिलाफ केस दर्ज करके जेल भेज दिया।  

एक सप्ताह से लगा रहा था इंजेक्शन 

कोरोना वैक्सीन के नाम पर एंटी एलर्जिक इंजेक्शन लगाकर वसूली करने वाला आरोपित हेल्थ सुपरवाइजर सिंधोरा थाना क्षेत्र के गड़खडा गांव का निवासी है। ग्रामीण रत्नेश पांडेय ने बताया कि गत एक सप्ताह से काशीपुर स्वास्थ्य केंद्र के आसपास के गांवो में घूम कर कोविशिल्ड के नाम फर्जी इंजेक्शन लगा रहा था और 20 से 50 रुपये की वसूली कर रहा था। आरोपित  ने जितने लोगों को कोरेाना का टीका लगाया है उन लोगों की  पुलिस सूची तैयार कर रही है। आरेापी जिस गांव में भी लोगों को टीका लगाने गया है वहां पर टीम जाएगी और लोगों की सूची तैयार करेगी। उन्हें कोरोना का टीका लगाया जाएगा। 

इंजेक्शन नहीं करती रिक्शन

पिंडरा पीएसची के चिकित्साधिकारी डॉक्टर एचसी मौर्या ने बताया कि डेक्सोना और एसीलॉक का इंजेक्शन रिएक्शन नहीं करता है। इस कारण आरोपी ने इसका फायदा उठाया और लोगों को इंजेक्शन लगा दिया। अगर लोगों को सर्टिफिकेट नहीं मिलता तो इसका राज नहीं खुल पाता। उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जा रही है। डॉ. एचसी मौर्य, प्रभारी, पिंडरा पीएचसी  का कहना है कि आरोपित हमारे अस्पताल में हेल्थ सुपरवाइजर है। वह कोरोना टीका के नाम पर एंटी एलर्जिक और गैस का इंजेक्शन लगा रहा था। मामला प्रकाश में आन के बाद पुलिस को सूचना दी गई है। पुलिस ने आरेापित को गिरफ्तार किया है। इसमें किसी और कि संलिप्तता तो नहीं है इसकी जांच की जाएगी। अमित वर्मा, एसपी ग्रामीण ने बताया कि वैक्सीन के नाम पर दूसरी इंजेक्शन लगाने का मामला आया है। मामले में एक आरोपित को गिरफ्तार किया गया है। मामले में हर एंगल पर जांच की जा रही है।