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आप सांसद संजय सिंह का आरोप: यूपी सरकार की जल जीवन मिशन में हुआ भ्रष्टाचार, बोले- लोकायुक्त जाऊंगा, मामला दर्ज करवाऊंगा

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार पर जल जीवन मिशन के तहत पाइप आपूर्ति में भ्रष्टाचार का आरोप मढ़ा है। संजय सिंह ने इस मामले की जांच सीबीआई और हाई कोर्ट की निगरानी में एसआईटी से कराने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर जांच नहीं हुई तो वह लोकायुक्त से इसकी शिकायत करेंगे।

संजय सिंह ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सहयोगी मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह द्वारा किए गए घोटाले की एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। भ्रष्टाचार करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में भ्रष्टाचार को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को एक ज्ञापन दिया जाएगा। संसद सत्र के शून्यकाल में इस विषय को जोरशोर से उठाएंगे। 

संजय सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह रश्मि मैटेलिक कंपनी की पैरवी कर रहे हैं। मंत्री बताएं कि कितनी रिश्वत इस मामले में मिली है? यूपी में पाइप आपूर्ति के लिए चार कंपनियां जिंदल शॉ लिमिटेड, टाटा मेटलीक्स, इलेक्ट्रो स्टील लिमिटेड और इलेक्ट्रोस्टील कास्टिंग लिमिटेड एंपेनल्ड हैं। बावजूद रश्मि मेटेलिक को ठेका क्यों दिलवाया गया। 

सांसद संजय सिंह ने बताया कि यूपी सरकार के एडीएम झांसी ने पत्र लिखा है कि रश्मि मेटलिक लिमिटेड के पाइप के खिलाफ शिकायत की जांच प्रेषित की गई है। ग्राम समूह पेयजल योजनाओं में रश्मि मैटेलिक लिमिटेड की निर्माण सामग्री का प्रयोग न किया जाए। इसके बावजूद रश्मी मैटेलिक के पाइप को आईएमसीएफडब्ल्यूएल, यूनिप्रो टेक्नो इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, गायत्री प्रोजेक्ट्स और मेघा इंजीनियरिंग इस्तेमाल कर रही हैं। छत्तीसगढ़, पश्चिमी बंगाल, पंजाब, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और झारखंड सहित अन्य राज्यों में इस कंपनी के पाइपों को घटिया पाया गया और रिजेक्ट किया गया है। 

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जल निगम के रेट से 40 फीसदी तक अधिक राशि में जल जीवन मिशन के लिए काम दिए जा रहे हैं। इसके अलावा थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन 1.33 फीसदी रेट में किया जा रहा है, जबकि तमिलनाडु में यह 0.15 फीसदी और केरल में 0.4 फीसदी है।

संजय सिंह ने यह भी कहा कि डॉ. महेंद्र सिंह के जल शक्ति मिशन, घर-घर जल योजना, जल जीवन मिशन में जो हजारों करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है। बावजूद भ्रष्टाचार और लगातार हो रहे भ्रष्टाचार को नकारना इनकी आदत हो गई है। ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर के घोटाले का खुलासा किया गया तो कहा कि एसआईटी बना दी है और 10 दिन में जांच रिपोर्ट आ जाएगी, लेकिन जांच रिपोर्ट का आज तक पता नहीं चला है। इस मामले में दो तीन अधिकारी निलंबित कर दिए। सतीश द्विवेदी मंत्री के भ्रष्टाचार में भी कार्रवाई नहीं हुई। सरकार से पूछा कि जब पाइप आपूर्ति का ठेका ही नहीं दिया और रश्मि मैटेलिक कंपनी जल जीवन मिशन में पाइप आपूर्ति नहीं कर रही है तो नमामि गंगे प्रोजेक्ट के एडीएम संजय कुमार पांडे यह क्यों लिख रहे हैं कि इसकी पाइप घटिया क्वालिटी की है।