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ईरान में कोरोना से मचा हाहाकार, हर दो मिनट में हो रही एक व्यक्ति की मौत, वैक्सीन की भी किल्लत

ईरान में कोरोना संक्रमण के चलते हाहाकार मचा है। 8 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले देश में हर 2 मिनट पर किसी एक व्यक्ति की कोरोना के चलते मौत हो रही है। ईरान सरकार के टीवी चैनल ने सोमवार को यह जानकारी दी। सोमवार को ही एक दिन में 588 लोगों की मौत का आंकड़ा दर्ज किया गया है। ईरान में अथॉरिटीज ने कोरोना के बढ़ते केसों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के पालन न होने और मास्क न पहनने को जिम्मेदार ठहराया है। स्टेट मीडिया का कहना है कि देश के कई शहरों में अब बेड्स की कमी हो गई है। वहीं सोशल मीडिया पर लोग सरकार की ओर से वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार की आलोचना की जा रही है। अब तक 8.3 करोड़ की आबादी वाले देश में सिर्फ 4 फीसदी लोगों को ही पूरी तरह से टीका लगा है। ईरान में कोरोना से अब तक  94,603 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं बीते एक दिन में ही 40,808 नए केस मिले हैं और 588 की मौत हुई है। ईरान की हेल्थ मिनिस्ट्री का कहना है कि देश में कोरोना की 5वीं लहर चल रही है और इसका कहर आने वाले दिनों में और बढ़ सकता है। यही नहीं ईरान सरकार का कहना है कि हम यह अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं कि यह संकट कितना बढ़ने वाला है। फिलहाल अस्पतालों में बेड्स की कमी है। यही नहीं देश में टीकों की भी कमी है, जिसके चलते वैक्सीनेशन का अभियान आगे नहीं बढ़ पा रहा है।

हर दो सेंकेड में एक व्यक्ति हो रहा है कोरोना संक्रमित

इसकी वजह यह है कि अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंधों के चलते ईरान दूसरे देशों को वैक्सीन खरीदने के एवज में पेमेंट नहीं कर पा रहा है। ऐसे में उसके सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। ईरान के सरकारी मीडिया ने कहा, ‘हर दो सेकेंड में ईरान कोई एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो रहा है और हर दो मिनट में एक शख्स की मौत हो रही है।’ ईरान के 31 प्रांतों में से ज्यादातर में अब रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। बीते महीने के मुकाबले यह बड़ी चिंता का सबब है, जब ईरान में हर तीन मिनट में एक ही मौत हो रही थी। 

अमेरिका, ब्रिटेन के टीकों पर बैन, दूसरे देशों से मंगा नहीं पा रहा ईरान

बता दें कि इसी साल जनवरी में ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ने ब्रिटेन और अमेरिका से वैक्सीन के आयात पर बैन लगा दिया था। उनका कहना है कि इन वैक्सीन्स पर भरोसा नहीं किया जा सकता है और ये संक्रमण को बढ़ाने के लिए हैं। वहीं अमेरिकी पाबंदियों के चलते वह अन्य देशों से भी टीके नहीं खरीद पा रहा है।