दून नगर निगम में उपनल के जरिये तैनात लाइनमैन सौरभ गर्ग को उधार के पैसों से इलाज करवाना पड़ रहा है। हालांकि, स्ट्रीट लाइट की मरम्मत के दौरान करंट लगने से झुलसे कर्मचारी को नगर निगम, पार्षदों और साथी कर्मचारियों से अब तक करीब ढाई लाख रुपये की मदद मिल चुकी है। लेकिन, इलाज का खर्च दस लाख रुपये तक पहुंच गया है। पिछले महीने सौरभ गर्ग मोथरोवाला में स्ट्रीटलाइट की मरम्मत कर रहे थे। इसी बीच पोल में करंट आ जाने से वे बुरी तरह झुलस गए।
साथी कर्मचारी उन्हें आनन-फानन में निजी अस्पताल ले गए। यहां उन्हें काफी दिनों तक भर्ती रहना पड़ा। इलाज अभी भी जारी है। सौरभ को महज आठ हजार रुपये बतौर वेतन मिलता है। परिवार का कहना है कि मदद के तौर पर नगर निगम ने 50 हजार रुपये दिए हैं। 70 हजार रुपये पार्षदों की ओर से दिए गए हैं। एक लाख 25 हजार रुपये की मदद साथी कर्मचारियों ने पैसे इकट्ठा करके की है। कुलमिलाकर परिवार को इधर-उधर से उधार मांगकर किसी तरह इलाज करवाना पड़ रहा है। अब उन्हें सीएम राहत कोष से उम्मीद है। ताकि, इलाज पूरा हो सके और सौरभ स्वस्थ होकर फिर से काम पर लौट सके।
मैंने मुख्यमंत्री को इस मामले से अवगत करवाया है और उनसे सीएम राहत कोष के जरिये कर्मचारी को हरसंभव मदद दिलाने की अपील की है। नगर निगम स्तर से कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्यों को पूरा सहयोग किया जाएगा।
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