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बहुत हुआ कत्लेआम, अब तालिबान को हराने को अफगान सरकार इस मास्टरप्लान को दे रही अंजाम, समझें रणनीति

अफगानिस्तान में तालिबान न सिर्फ कत्लेआम मचा रहा है, बल्कि धीरे-धीरे कई अहम प्रांतों और शहरों को अपने कब्जे में ले रहा है। हालांकि, तालिबान को हराने के लिए अफगानिस्तान सरकार ने एक अलग युद्धनीति बनाई है और अब उसे फेज वाइज अंजाम दे रही है। हाल के दिनों में तेज हुई जंग के मद्देनजर अफगानिस्तान सरकार देश में तालिबान को हराने के लिए तीन चरण की योजना को अंजाम देने पर काम कर रही है। बता दें कि आतंकवादी समूह तालिबान ने अब तक अफगानिस्तान में नौ प्रांतीय राजधानी पर कब्जा कर लिया है।

ऐसा है तीन फेज वाला प्लान

अंग्रेजी वेबसाइट अलजजीरा के मुताबिक, पांच हफ्ते पहले ही देश की 130,000 मजबूत पुलिस बल की कमान संभालने वाले अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्री जनरल अब्दुल सत्तार मिर्जाकवाल ने मंगलवार को कहा कि हम तालिबान को हराने के लिए तीन चरणों में काम कर रहे हैं। पहला (सरकारी बलों की) हार को रोकना है। दूसरा- शहरों के चारों ओर सुरक्षा घेरे बनाने के लिए हमारे बलों को फिर से इकट्ठा करना है। तीसरा- तालिबान के खिलाफ आक्रामक अभियान शुरू करना है। फिलहाल, हम दूसरे चरण में आगे बढ़ रहे हैं। 

विद्रोही संगठनों को भी साथ ले रही अफगान सरकार

अफगानिस्तान सरकार उन लोकल वॉलंटियर ग्रुप का भी सपोर्ट कर रही है, जो तालिबान के आक्रमण से निपटने के लिए विद्रोही आंदलनों के रूप में जाने जाते हैं। मंत्री जनरल अब्दुल सत्तार मिर्जाकवाल ने यह भी कहा कि सरकार अफगानिस्तान के कई क्षेत्रों में तालिबान के आक्रमण से निपटने के लिए विद्रोही आंदोलनों के रूप में जाने जाने वाले स्थानीय स्वयंसेवी सेना यानी विद्रोही बलों को समर्थन दे रही है।

ऐसा है तीन फेज वाला प्लान

अंग्रेजी वेबसाइट अलजजीरा के मुताबिक, पांच हफ्ते पहले ही देश की 130,000 मजबूत पुलिस बल की कमान संभालने वाले अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्री जनरल अब्दुल सत्तार मिर्जाकवाल ने मंगलवार को कहा कि हम तालिबान को हराने के लिए तीन चरणों में काम कर रहे हैं। पहला (सरकारी बलों की) हार को रोकना है। दूसरा- शहरों के चारों ओर सुरक्षा घेरे बनाने के लिए हमारे बलों को फिर से इकट्ठा करना है। तीसरा- तालिबान के खिलाफ आक्रामक अभियान शुरू करना है। फिलहाल, हम दूसरे चरण में आगे बढ़ रहे हैं। 

विद्रोही संगठनों को भी साथ ले रही अफगान सरकार

अफगानिस्तान सरकार उन लोकल वॉलंटियर ग्रुप का भी सपोर्ट कर रही है, जो तालिबान के आक्रमण से निपटने के लिए विद्रोही आंदलनों के रूप में जाने जाते हैं। मंत्री जनरल अब्दुल सत्तार मिर्जाकवाल ने यह भी कहा कि सरकार अफगानिस्तान के कई क्षेत्रों में तालिबान के आक्रमण से निपटने के लिए विद्रोही आंदोलनों के रूप में जाने जाने वाले स्थानीय स्वयंसेवी सेना यानी विद्रोही बलों को समर्थन दे रही है।

तालिबानियों को अब कब्जा करने से ऐसे रोका जाएगा

जैसा कि आतंकवादी समूह तालिबान ने हाल के दिनों में देश की नौ प्रांतीय राजधानी पर कब्जा कर लिया है, अफगान सरकार अब तालिबान को अन्य शहरों पर कब्जा करने से रोकने के प्रयास में मुख्य राजमार्गों, बड़े शहरों और बॉर्डर क्रॉसिंग के रूप में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को सुरक्षित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। बता दें कि अब तालिबान ने अफगान के गजनी शहर पर कब्जा कर लिया है। तालिबान की यह पकड़ इसलिए भी चिंता बढ़ा रही है क्योंकि वह देश की राजधानी काबुल के करीब पहुंच गया है। गजनी शहर काबुल से सिर्फ 150 किलोमीटर ही दूर है। 

अफगान ने बदला है सेना प्रमुखअलजजीरा ने मंत्री मिर्जाकवाल के हवाले से कहा कि विद्रोही बलों ने राष्ट्रपति और सरकार को अपने पूर्ण समर्थन की घोषणा की है। वे सरकारी सुरभाबलों के साथ मिलकर तालिबान से लड़ेंगे। हालांकि, मौजूदा समय में इन विद्रोही बलों को लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय चिंता जता रही हैं, मगर उनके सभी सदस्य अंततः अफगान के राष्ट्रीय सुरक्षा बलों में विलय हो जाएंगे। बता दें कि राष्ट्रपति अशरफ गनी ने बुधवार को जमीन पर आतंकवादी समूह तालिबान को मुंहतोड़ जवाब देने के प्रयास में एक नया सेना प्रमुख नियुक्त किया। हैबतुल्लाह अलीज़ई, वली मोहम्मद अहमदज़ई की जगह नए सेनाध्यक्ष बने हैं। अलीजाई ने पहले अफगान नेशनल आर्मी कमांडो के कमांडर के रूप में काम किया था।