अफगानिस्तान में तालिबान का कहर जारी है। इस बीच दिल्ली के लाजपत नगर में रहने वाले अफगानिस्तान के एक नागरिक ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा है कि उन्हें यह नहीं पता चल पा रहा है कि अफगानिस्तान में रह रहे उनके माता-पिता और भाई कहां हैं। हसीबुल्लाह सिद्दीकी मूल रूप से अफगानिस्तान के रहने वाले हैं और वो फिलहाल दिल्ली के लाजपत नगर इलाके में रहते हैं। मीडिया से बातचीत में हसीबुल्लाह सिद्दीकी ने कहा कि ‘मैं बीते 4 सालों से भारत में रह रहा हूं। अफगानिस्तान के मौजूदा हालात परेशान करने वाले हैं। मुझे बताया गया है कि तालिबान युवाओं को किडनैप कर रहा है और उन्हें पाकिस्तान भेज रहा है। इतना ही नहीं वो युवा लड़कियों से विवाह कर रहा है औऱ उन्हें जबरन हिजाब पहनने के लिए कह रहा है। अब वहां लड़कियां आजादी से नहीं घूम सकती हैं।
हसीबुल्लाह सिद्दीकी ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि ‘ पिछले 4-5 महीने से उनकी अपने माता-पिता और भाई से बातचीत नहीं हो पाई है। यह भी नहीं मालूम कि वो कहां हैं? वो सभी एक गांव में रहते हैं, जहां नेटवर्क कनेक्टिविटी काफी खराब है। तालिबान ने कई अहम जगहों पर कब्जा जमा लिया है।’ दिल्ली के लाजपत नगर में कई अफगानी नागरिक रहते हैं। यहां आपको अफगानिस्तान के स्वाद की कई दुकानें मिलेंगी। हसीबुल्लाह भी यहां अफगानी खाने की रेहड़ी लगाते हैं।
आपको बता दें कि अफगानिस्तान में दो दशक से जारी जंग से अमेरिकी और नाटो बलों की औपचारिक रूप से वापसी के महज कुछ सप्ताह पहले तालिबान ने शुक्रवार को चार और प्रांतों की राजधानियों पर कब्जा करते हुए देश के समूचे दक्षिणी भाग पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया और धीरे-धीरे काबुल की तरफ बढ़ रहा है। तालिबान ने हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्करगाह पर कब्जा कर लिया है। अफीम के बड़े केंद्र हेलमंद की प्रांतीय राजधानी लश्करगाह अफगानिस्तान सरकार के हाथों से फिसल गयी है। लगभग दो दशक के युद्ध के दौरान यहां सैकड़ों की संख्या में विदेशी सैनिक वहां मारे गए थे।
तालिबान लड़ाकों ने 34 प्रांतों में से हाल के दिनों में एक दर्जन से अधिक प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया है। ऐसे में जब अमेरिका कुछ सप्ताह बाद अपने आखिरी सैनिकों को वापस बुलाने वाला है तालिबान ने देश के दो-तिहाई से अधिक क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। हालांकि, कहा जा रहा है कि काबुल अभी सीधे तौर पर खतरे में नहीं है, लेकिन अन्य जगहों पर नुकसान और लड़ाइयों ने तालिबान की पकड़ को और मजबूत कर दिया है।
नवीनतम अमेरिकी सैन्य खुफिया आकलन से पता चलता है कि काबुल 30 दिनों के भीतर विद्रोहियों के दबाव में आ सकता है और अगर मौजूदा रुख जारी रहा तो तालिबान कुछ महीनों के भीतर देश पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर सकता है। यदि तालिबान यही गति बनाए रखता है तो अफगान सरकार को आने वाले दिनों में पीछे हटने और राजधानी और केवल कुछ अन्य शहरों की रक्षा के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।चरमपंथी समूह ने दक्षिण में हेलमंद के अलावा उरुजगान और जाबुल प्रांतों की राजधानियों पर कब्जा कर लिया है। हेलमंद में प्रांतीय परिषद के प्रमुख अताउल्लाह अफगान का कहना है कि तालिबान ने भारी लड़ाई के बाद प्रांतीय राजधानी लश्करगाह पर कब्जा कर लिया और सरकारी प्रतिष्ठानों पर अपना सफेद झंडा फहरा दिया है। उन्होंने कहा कि लश्करगाह के बाहर स्थित राष्ट्रीय सेना के तीन ठिकाने सरकार के नियंत्रण में हैं।